देश की खबरें | एमसीआई ने विद्यार्थियों को विदेश में चिकित्सा की पढाई की अनुमति दी, नीट 2020 या 2021 में उत्तीर्ण करना अनिवार्य
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 29 अगस्त भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा है कि मेडिकल पाठ्यक्रम के लिए विदेशी विश्वविद्यालयों में दाखिला ले रहे विद्यार्थी इस शर्त पर ऐसा कर सकते हैं कि वे इस साल या 2021 में नीट-यूजी उत्तीर्ण कर लेंगे।

एमसीआई ने कहा कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न ‘असाधारण स्थिति’ को ध्यान में रखते हुए , एक बारगी उपाय के तौर पर, उम्मीदवार मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जा सकते हैं बशर्ते वे एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विदेश मेडिकल संस्थान स्नातक मेडिकल पाठ्यक्रम प्रवेश अर्हता जरूरत नियमावली, 2002 को पूरा कर लें।

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उसने कहा कि इन उम्मीदवारों को ‘स्क्रीनिंग टेस्ट रेगुलेशन, 2002’ और ‘स्नातक चिकित्सा शिक्षा, नियमावली 1997’ की शर्त को भी पूरा करना चाहिए।

न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव के समक्ष एमसीआई के वकील टी सिंहदेव ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन सभी उम्मीदवारों पर लागू होगा जो चिकित्सा की पढ़ाई के लिए विदेशी संस्थान या विश्वविद्यालय में दाखिला ले रहे हैं क्योंकि राष्ट्रीय अर्हता सह प्रवेश परीक्षा (स्नातक) (नीट यूजी) उत्तीर्ण करना पूर्वशर्त है।

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सिंहदेव ने कहा कि एमसीआई ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से सहमति मिलने के बाद यह निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों के लिए 2020 या 2021 में नीट यूजी उत्तीर्ण करना अनिवार्य है और यदि वे उत्तीर्ण नहीं होते हैं तो विदेशी चिकित्सा पाठ्यक्रम जारी रखना उनके अपने जोखिम पर होगा क्योंकि वे स्क्रीनिंग टेस्ट में बैठने के लिए हकदार नहीं होंगे, ऐसे में उन्हें संबंधित राज्य चिकित्सा परिषद से अंतरिम या स्थानीय पंजीकरण के योग्य नहीं माना जाएगा।

अदालत भास्करा प्रसाद एस इसुकापल्ली की याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसने वर्तमान 2020-21 के अकादमिक सत्र के लिए ‘न्यूकैसल यूनिवर्सिटी मेडिसीन मलेशिया’ में अपनी बेटी के दाखिले के लिए नीट उत्तीर्ण करने की जरूरत को कोविड-19 महामारी के चलते एक बारगी माफ कर देने का अनुरोध किया था।

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