मुंबई, 16 दिसंबर : घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट का सिलसिला लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 461 अंक से अधिक टूट गया. वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच विभिन्न देशों के केंद्रीय बैंकों के नीतिगत दर बढ़ाने और आक्रामक रुख से बाजार नीचे आया. कारोबारियों के अनुसार, विदेशी पूंजी की निकासी के बीच डॉलर के मुकाबले रुपये के कमजोर पड़ने से जोखिम लेने की धारणा और प्रभावित हुई है. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 461.22 अंक यानी 0.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ 61,337.81 अंक पर बंद हुआ. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 145.90 अंक यानी 0.79 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,269 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में डॉ. रेड्डीज सबसे ज्यादा 3.62 प्रतिशत नीचे आया. इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, एशियन पेंट्स, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, भारतीय स्टेट बैंक, टाइटन, पावरग्रिड और विप्रो भी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे.
केवल चार शेयर... एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया और टाटा स्टील 0.49 प्रतिशत तक लाभ में रहे.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के बाद यूरोपीय केंद्रीय बैंक (ईसीबी) और बैंक ऑफ इंग्लैड ने नीतिगत दर में वृद्धि की है. साथ ही महंगाई को काबू में लाने के लिये आक्रामक रुख का संकेत दिया है. इससे इस उम्मीद को झटका लगा कि नीतिगत दर लगभग उच्चस्तर पर पहुंच चुकी है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में 0.5 प्रतिशत की वृद्धि के बाद यूरोपीय केंद्रीय बैंक और बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी और मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये आक्रामक रुख से वैश्विक बाजारों में गिरावट रही.’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय बैंकों के मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये आक्रामक रुख से वैश्विक अर्थव्यवस्था की सेहत को लेकर चिंता बढ़ी है. बाजार में घाटे से उबरने का प्रयास देखा गया. हालांकि, वैश्विक समर्थन के अभाव में घरेलू शेयर बाजार नुकसान में बंद हुए.’’ यह भी पढ़ें : Sensex Update: महंगाई की चिंता कम होने से बाजार में लगातार दूसरे दिन तेजी, सेंसेक्स 145 अंक और चढ़ा
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 843.86 अंक यानी 1.36 प्रतिशत जबकि निफ्टी 227.60 अंक यानी 1.23 प्रतिशत नीचे आया.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लि. के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में बाजार को दिशा देने वाला कोई महत्वपूर्ण कारक नहीं दिखता. ऐसे में बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है. इसके साथ साल के अंत की छुट्टियों के कारण संस्थागत निवेशकों की कम भागीदारी से भी बाजार में रुख हल्का रह सकता है.’’ एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहे जबकि हांगकांग के हैंगसेंग में तेजी रही. यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख था. अमेरिकी शेयर बाजार में भी बृहस्पतिवार को गिरावट थी. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 2.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 79.38 प्रति डॉलर पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बृहस्पतिवार को 710.74 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.