पुणे, 20 अक्टूबर कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शुक्रवार को कहा कि जब तक मराठा समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता वह 'एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे'।
उन्होंने महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के सभी लोगों को कुनबी प्रमाणपत्र देने की मांग की ताकि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ मिल सके।
जरांगे ने पुणे जिले के राजगुरुनगर में रैली को संबोधित करते हुए समुदाय के लोगों से हिंसा करने या आत्महत्या जैसे कदम नहीं उठाने की भी अपील की।
उन्होंने कहा कि वह रविवार को आंदोलन की आगे की रणनीति बताएंगे।
जरांगे ने कहा, “कल, हमारे एक भाई सुनील कावले ने (मुंबई में) आरक्षण के लिए अपनी जान दे दी। पिछले एक महीने से अधिक समय में, समुदाय के 15-16 लोगों ने अपनी जान ली है। इससे पहले समुदाय के 47 लोग अपनी जान ले चुके हैं। एक समुदाय के रूप में, हम उनके बलिदान को बर्बाद नहीं होने देंगे।”
जरांगे ने कहा कि अगर सरकार पहले ही मराठों को आरक्षण देने पर सहमत हो जाती, तो इन मौतों को टाला जा सकता था।
उन्होंने कहा, ‘हमने यह आंदोलन 29 अगस्त को शुरू किया था। लड़ाई आज भी जारी है। हमारे एक भाई की राय थी कि अब "ठोका ठोकी" (हिंसक आंदोलन) होनी चाहिए...लेकिन हमारे शांतिपूर्ण दृष्टिकोण के कारण, मुद्दा निर्णय लेने की प्रक्रिया के चरण में पहुंच गया है । अब इस आंदोलन को रोकने की हिम्मत किसी में नहीं है। मैंने सभी को वचन दे दिया है कि आरक्षण शांतिपूर्ण तरीके से प्राप्त किया जाएगा और जब तक समुदाय को आरक्षण नहीं मिल जाता, मैं एक इंच भी पीछे नहीं हटूंगा।”
उन्होंने मांग की कि राज्य भर में मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र दिया जाना चाहिए। कुनबी समुदाय को महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण प्राप्त है।
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