पुणे, 16 जून मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग को लेकर कोल्हापुर में शांतिपूर्ण धरना देने वाले भाजपा सांसद संभाजीराजे छत्रपति को बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया जिसका उन्होंने ने स्वागत किया।
छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और भाजपा के राज्यसभा सदस्य संभाजीराजे ने कहा कि वह और आंदोलन के अन्य नेता शुक्रवार को मुंबई में ठाकरे से मुलाकात कर सकते हैं।
इससे पहले संभाजीराजे छत्रपति के नेतृत्व में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए कोल्हापुर में मौन धरना प्रदर्शन शुरू हुआ। हल्की बारिश के बीच छत्रपति साहू महाराज के स्मारक पर कई विधायक और विभिन्न दलों के नेता जमा हुए। राज्य में कई मराठा संगठनों ने इस प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया है।
आंदोलन में वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) नेता प्रकाश आंबडेकर, कोल्हापुर के प्रभारी मंत्री और कांग्रेस नेता सतेज पाटिल, प्रदेश भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल शामिल हुए। कोल्हापुर जिले से शिवसेना सांसद धैर्यशील माने और ग्रामीण विकास मंत्री तथा राकांपा नेता हसन मुशरिफ भी इस दौरान मौजूद थे। माने के साथ सेलाइन बोतल भी लगी हुई थी क्योंकि वह कुछ दिन पहले कोविड-19 से संक्रमित पाए गए थे। माने ने कहा कि उन्हें कोविड-19 से उबरने के बाद आराम की सलाह दी गयी थी लेकिन वह समुदाय के लिए बाहर निकले।
राज्य के मंत्रियों सतेज पाटिल और मुशरिफ ने संभाजीराजे तथा मराठा समुदाय के प्रतिनिधियों को मुख्यमंत्री ठाकरे, उप मुख्यमंत्री अजित पवार तथा अन्य कैबिनेट मंत्रियों से मिलने का न्योता दिया।
पाटिल ने कहा, ‘‘सरकार के प्रतिनिधि के रूप में मैं कहना चाहता हूं कि राज्य सरकार शाहूजी महाराज अनुसंधान प्रशिक्षण और मानव विकास संस्थान (सारथी), अन्नासाहेब पाटिल महामंडल को मजबूत करने से संबंधित मांगों को लेकर, मराठा समुदाय के गरीबों को (ओबीसी की तर्ज पर) छूट देने तथा हर जिले में मराठा छात्रों के लिए नये छात्रावास के विषयों पर सकारात्मक है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री मराठा समुदाय के प्रतिनिधियों से बातचीत के लिए तैयार हैं और मैं संभाजीराजे से अनुरोध करना चाहूंगा कि मुंबई आएं और राज्य सरकार के साथ बातचीत करें।’’
मुशरिफ ने कहा कि वह तब तक चुप नहीं बैठेंगे जब तक राज्य सरकार उनकी सारथी, अन्नासाहिब पाटिल निगम तथा अन्य मुद्दों से संबंधित मांगों को पूरा नहीं करती।
संभाजीराजे ने धरना पूरा होने के बाद संवाददाताओं से कहा कि वह राज्य सरकार के रुख का स्वागत करते हैं। धरने के दौरान भाषण दिये गये लेकिन नारे नहीं लगाए गये।
भाजपा के राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘सतेज पाटिल, मुशरिफ ने हमें मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के साथ बातचीत का न्योता देकर वास्तव में अच्छा रुख व्यक्त किया है और मैं इसका स्वागत करता हूं। हालांकि बातचीत के लिए मुंबई जाने का मतलब संतुष्ट होना नहीं है। हम बातचीत के लिए जाएंगे और देखते हैं कि क्या होता है, लेकिन नासिक, औरंगाबाद और अन्य जिलों में हमारे आंदोलन जारी रहेंगे।’’
संभाजीराजे ने कहा कि उन्हें बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री से मिलने का न्योता दिया गया है, लेकिन वह 18 जून को ठाकरे से मिलने का प्रयास करेंगे। कोल्हापुर राज परिवार के एक अन्य सदस्य श्रीशाहू छत्रपति महाराज ने कहा कि मराठा आंदोलन को समाप्त करने के उच्चतम न्यायालय के पांच मई के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में उपचारात्मक या पुनर्विचार याचिका बहुत वक्त लेने वाली कवायद है।
उन्होंने कहा, ‘‘एकमात्र विकल्प है कि केंद्र सरकार को गंभीरता से इस विषय को लेना चाहिए। अगर केंद्र इस मुद्दे को गंभीरता से लेता है और कानून में जरूरी संशोधन करता है तो इसका हल हो जाएगा।’’
महाराज ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस विषय पर चर्चा की है और हमें देखना है कि प्रधानमंत्री इस बारे में क्या सोचते हैं।
पिछले कुछ हफ्तों से संभाजीराजे के आलोचक रहे चंद्रकांत पाटिल ने बुधवार को सांसद को अपना समर्थन पत्र दिया। उन्होंने संभाजीराजे पर सवाल उठाया था कि क्या वह राज्यसभा का दूसरा कार्यकाल पाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं।
कोल्हापुर में कोविड-19 संक्रमण दर अधिक रहने के बावजूद यह प्रदर्शन किया जा रहा है और कुछ दिनों पहले उप मुख्यमंत्री अजित पवार और स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने हालात की समीक्षा की थी।
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक शैलेश बलकवडे ने कहा कि आयोजकों को प्रदर्शन के दौरान कोविड-19 के उपयुक्त व्यवहार करने का निर्देश दिया गया।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले महीने महाराष्ट्र के 2018 के उस कानून को रद्द कर दिया था जिसमें दाखिलों और सरकारी नौकरियों में मराठाओं को आरक्षण का प्रावधान था। न्यायालय ने इसे ‘‘असंवैधानिक’’ बताया और कहा कि 1992 के मंडल फैसले में तय किए गए 50 प्रतिशत के आरक्षण का उल्लंघन करने की कोई असाधारण स्थिति नहीं है।
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