इंफाल, नौ जून मणिपुर के जिरीबाम जिले में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा दो पुलिस चौकियों और कम से कम 70 मकानों को आग लगाए जाने की घटना के बाद राज्य में रविवार को स्थिति ''तनावपूर्ण'' लेकिन ''नियंत्रण में'' रही। पुलिस ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि शनिवार को हुई घटना के बाद प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि जिरीबाम जिले में हुई हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि इस हिंसा में उग्रवादियों ने दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के एक कार्यालय और मेइती एवं कुकी समुदायों के लोगों के कई घरों को आग लगा दी थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लमताई खुनौ, डिबोंग खुनौ, नुनखाल और बेगरा गांवों में 70 से अधिक मकानों में आग लगा दी गई।
इसमें कहा गया है, "पुलिस सोशल मीडिया पर साझा की जा रहीं पोस्ट पर भी सक्रिय रूप से नजर रख रही है जिनसे समुदायों के बीच सांप्रदायिक भावनाएं भड़क सकती हैं। पुलिस आम जनता से अनुरोध करती है कि वह निराधार/असत्यापित सूचना फैलाने से बचे।"
जातीय संघर्ष से ग्रसित मणिपुर राज्य के जिरीबाम में संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा एक 59 वर्षीय व्यक्ति की हत्या के बाद बृहस्पतिवार शाम को हिंसा भड़क उठी थी।
एक अधिकारी ने बताया था कि सोइबम सरतकुमार सिंह नाम का व्यक्ति छह जून को अपने खेत जाने के बाद लापता हो गया था। उन्होंने कहा कि बाद में उसका शव मिला, जिस पर किसी नुकीली चीज से किए गए घाव के निशान थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इस बीच शनिवार देर रात सोरोक अटिंगबी खुनौ में गुस्साई भीड़ ने एक ट्रक को रोका और उसमें ले जाई जा रही आवश्यक वस्तुओं को कथित तौर पर आग लगा दी।
मणिपुर में पिछले साल से मई से जारी हिंसा से अब तक जिरीबाम अप्रभावित रहा है। यहां भी मेइती, मुस्लिम, नगा, कुकी और गैर-मणिपुरी लोग रहते हैं।
इंफाल घाटी में रहने वाले मेइती और पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी लोगों के बीच पिछले साल मई से जारी जातीय हिंसा में 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
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