नयी दिल्ली,22 अगस्त दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि वह दिल्ली पुलिस को उन्हें दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग से मुलाकात करने की अनुमति देने का निर्देश दें।
आरोप है कि दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म किया है।
इस बीच, अदालत ने आरोपी अधिकारी को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
शाह को लिखे पत्र में मालीवाल ने केंद्रीय गृहमंत्री से अपील की कि वह आरोपी की गिरफ्तारी में हुई कथित देरी की जांच का आदेश दें और पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में स्थानांतरित करने का निर्देश दें।
पुलिस के मुताबिक, दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग में उप निदेशक प्रेमोदय खाखा ने नवंबर 2020 से जनवरी 2021 के बीच लड़की के साथ कथित तौर पर कई बार बलात्कार किया, जिससे वह गर्भवती हो गई।
पुलिस के अनुसार, खाखा की पत्नी सीमा रानी ने पीड़िता को कथित तौर पर गर्भ गिराने की दवा दी। खाखा और सीमा रानी को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
मालीवाल ने कहा कि पुलिस और अस्पताल के अधिकारियों ने उन्हें पीड़िता और उसकी मां से मिलने से रोका जबकि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष को पीड़िता की मां से बातचीत करने दिया।
पत्र में मालीवाल ने कहा, ‘‘ यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि 24 घंटे तक अस्पताल के बाहर इंतजार करने और यहां तक वहीं सोने के बावजूद दिल्ली पुलिस और अस्पताल के अधिकारियों ने मुझे पीड़िता या उसके परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दी। बार-बार अनुरोध करने के बावजूद मुझे पीड़िता और उसके परिवार से मिलने नहीं दिया गया। यह दिल्ली पुलिस और निजी अस्पताल द्वारा किया गया गैरकानूनी कृत्य है।’’
मालीवाल यह दावा करते हुए सोमवार सुबह धरने पर बैठ गई थीं कि उन्हें पीड़िता से मिलने से रोका जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और अस्पताल अधिकारी डीसीडब्ल्यू को काम करने से रोकने के लिए ‘अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर रहे हैं।’’
उन्होंने शाह से अपील की कि वह दिल्ली पुलिस को ‘लड़की या उसकी मां से उनकी मुलाकात की अनुमति देने का निर्देश दे ताकि डीसीडब्ल्यू उनकी मदद कर सके।
मालीवाल ने शाह से कहा कि वह यह पता लगाने के लिए जांच का आदेश दें कि दिल्ली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने में देरी क्यों की।
उन्होंने पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए तुरंत एम्स स्थानांतरित करने की भी मांग की।
डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर पीड़िता या उसका परिवार इलाज के लिए एम्स नहीं जाना चाहते, तो उस परिस्थिति में एम्स के डॉक्टरों की टीम द्वारा पीड़िता की जांच की जानी चाहिए और इलाज की देखरेख करनी चाहिए।’’
मालीवाल यह दावा करते हुए सोमवार सुबह धरने पर बैठ गई थीं कि उन्हें पीड़िता से मिलने से रोका जा रहा है। वह मंगलवार दोपहर अस्पताल से चली गईं और पीड़िता से मुलाकात नहीं कर सकीं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि पीड़िता की मां किसी से मिलना नहीं चाहती, क्योंकि उसकी बेटी अस्पताल में अभी भी निगरानी में है।
मालीवाल ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा,‘‘ (यदि मैं) मिलने नहीं आती तो (वे) बोलते कि (वह) मिलने नहीं आयी। (मैं) मिलने आयी तो (वे) मिलने नहीं दे रहे और बोल रहे हैं कि (वह) ड्रामा कर रही है। किस हद तक राजनीति गिर चुकी है कि नेताओं की सही को सही बोलने की क्षमता ही ख़त्म हो चुकी है। राजनीति करो, खूब करो पर बेटियों पर नहीं!’’
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को नाबालिग लड़की से बार-बार दुष्कर्म कर उसे गर्भवती करने के आरोपी खाखा को एक दिन के न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
लड़की का गर्भपात कराने के लिए दवा देने की आरोपी खाखा की पत्नी सीमा रानी को भी एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
दोनों को अलग-अलग ड्यूटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कत्यायिनी शर्मा खंडवाल की अदालत में पेश किया गया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को मुख्य सचिव को आरोपी अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया था।
आदेश के मुताबिक, निलंबन अवधि के दौरान उक्त अधिकारी को बगैर पूर्व अनुमति के विभाग के मुख्यालय से बाहर जाने की इजाजत नहीं होगी।
पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने बताया कि सीमा रानी को सोमवार को अदालत में पेश किया गया, जिसने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
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