मुंबई, 22 जनवरी व्यापक स्तर पर मुनाफावसूली के बीच शुक्रवार को शेयर बाजारों में लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में नुकसान दर्ज हुआ। वैश्विक बाजारों के कमजोर रुख के बीच जहां सेंसेक्स में 746 अंक की बड़ी गिरावट आई, वहीं निफ्टी भी फिसलकर 14,400 अंक के स्तर से नीचे आ गया
एक दिन पहले ही सेंसेक्स ने 50,000 अंक के ऐतिहासिक स्तर को छुआ था। रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजों से पहले कंपनी के शेयरों में बिकवाली से बाजार उच्चस्तर पर टिक नहीं पाया। कमजोर वैश्विक रुख के बीच बैंकिंग और वित्तीय कंपनियों के शेयरों में भी बिकवाली का सिलसिला चला।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 746.22 अंक या 1.50 प्रतिशत के नुकसान से 48,878.54 अंक पर आ गया। एक एक महीने में किसी एक कारोबारी सत्र में सेंसेक्स की सबसे बड़ी गिरावट है।
इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 218.45 अंक या 1.5 प्रतिशत के नुकसान से 14,371.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में एक्सिस बैंक का शेयर सबसे अधिक 4.63 प्रतिशत टूट गया। एशियन पेंट्स, एसबीआई, इंडसइंड बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भी गिरावट दर्ज हुई।
वहीं दूसरी ओर बजाज ऑटो का शेयर चमक में रहा और 10.45 प्रतिशत चढ़ गया। कंपनी का दिसंबर, 2020 में समाप्त तिमाही का शुद्ध लाभ 23 प्रतिशत बढ़कर 1,556 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
हिंदुस्तान यूनिलीवर, अल्ट्राटेक सीमेंट, टीसीएस, बजाज फिनसर्व और इन्फोसिस के शेयर भी 1.76 प्रतिशत तक चढ़ गए।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स में 156.13 अंक या 0.31 प्रतिशत की गिरावट आई है। वहीं निफ्टी साप्ताहिक आधार पर 61.8 अंक या 0.42 प्रतिशत टूटा है।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक रुख से भारतीय बाजार दोपहर के कारोबार में नीचे आए। धातु और बैंकिंग शेयरों में बिकवाली से बाजार टूट गए। हालांकि, वाहन और आईटी शेयरों में सकारात्मक रुख से आज के ‘करेक्शन’ के दौरान भी बाजार रफ्तार कायम रखने में कामयाब रहा।’’
नायर ने कहा कि ब्रिटेन के कमजोर खुदरा बिक्री आंकड़ों तथा यूरो क्षेत्र में अंकुश बढ़ने से यूरोपीय बाजारों में गिरावट आई। एशियाई बाजारों का रुख भी कुछ इसी तरह का रहा।
बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 2.02 प्रतिशत तक का नुकसान रहा।
अन्य एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कम्पोजिट, हांगकांग के हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया के कॉस्पी और जापान के निक्की में गिरावट आई। शुरुआती कारोबार में यूरोपीय बाजार भी नुकसान में थे।
शेयर बाजारों के अस्थायी आंकड़ों के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को शुद्ध रूप से 1,614.66 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
वैश्विक बाजार में ब्रेंट कच्चा तेल 1.80 प्रतिशत के नुकसान से 55.09 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा था।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया मामूली दो पैसे की बढ़त के साथ 72.97 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
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