
मुंबई, नौ मई बंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को आदेश दिया कि मध्य मुंबई के दादर स्थित ‘सावरकर सदन’ की पुनर्विकास संबंधी किसी भी गतिविधि पर यथास्थिति बरकरार रखी जाए।
न्यायमूर्ति ए एस चंदुरकर और न्यायमूर्ति नीला गोखले की पीठ ने इमारत को विरासत का दर्जा देने के अनुरोध वाली याचिका पर राज्य सरकार के शहरी विकास विभाग और बृह्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) को नोटिस जारी किया।
अदालत ने सरकार से इमारत को विरासत का दर्जा देने की समयसीमा के बारे में भी जवाब मांगा।
मामले की अगली सुनवाई 13 जून के लिए सूचीबद्ध करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘उक्त संपत्ति की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा तथा यथास्थिति बरकरार रखी जाएगी।’’
शिवाजी पार्क में स्थित सावरकर सदन कभी हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर का निवास स्थान हुआ करता था।
पंकज फडनीस के नेतृत्व वाले हिंदू संगठन ‘अभिनव भारत कांग्रेस’ द्वारा दायर याचिका में महाराष्ट्र सरकार से आग्रह किया गया कि वह इस इमारत को मुंबई की आधिकारिक विरासत सूची में शामिल करने के लिए बीएमसी की 2012 की सिफारिश पर कार्रवाई करे।
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