Maharashtra: महाराष्ट्र के पालघर जिले में प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला की एम्बुलेंस में मौत
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पालघर, 27 नवंबर : महाराष्ट्र के पालघर जिले की 26 वर्षीय एक गर्भवती महिला की उस एम्बुलेंस में अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई, जिसमें ऑक्सीजन और अन्य आवश्यक सुविधाएं नहीं थीं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. पालघर के सिविल सर्जन डॉ. रामदास मराड ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में विशेष एम्बुलेंस की कमी के बारे में अधिकारियों के समक्ष बार-बार चिंता जताई है. प्रसव पीड़ा से जूझ रही महिला को मंगलवार शाम गंभीर हालत में यहां एक ग्रामीण अस्पताल लाया गया था. स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर वह पहले आती तो हम उसे बचा सकते थे.’’ पालघर से लोकसभा सदस्य डॉ. हेमंत सवारा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को मामले में आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए और एम्बुलेंस में पर्याप्त सुविधाएं होनी चाहिए.

ग्राम सारनी निवासी पिंकी डोंगरकर को मंगलवार की शाम प्रसव पीड़ा शुरू हो गई थी. उसका परिवार तुरंत उसे कासा ग्रामीण अस्पताल ले गया, लेकिन उसकी हालत की गंभीरता को देखते हुए वहां के कर्मचारियों ने उसे पड़ोसी सिलवासा शहर (केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में) रेफर कर दिया. एक स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि उसके परिवार ने '108' आपातकालीन सेवा के माध्यम से ऑक्सीजन और आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं से लैस एक एम्बुलेंस का इंतजाम करने के अथक प्रयास किए लेकिन उनकी अपील पर कोई जवाब नहीं दिया गया. अंततः उन्हें कासा ग्रामीण अस्पताल द्वारा एक सामान्य एम्बुलेंस प्रदान की गई. यह भी पढ़ें : Maharashtra CM: महायुति में सीएम पद को लेकर बढ़ सकता है विवाद? शिवसेना ने BJP को दिया संदेश, एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम स्वीकार नहीं करेंगे

स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की कि सिलवासा के रास्ते में महिला की जटिलताओं के कारण मौत हो गई और भ्रूण भी जीवित नहीं रहा. डॉ. मराड ने कहा कि महिला को गंभीर हालत में कासा ग्रामीण अस्पताल लाया गया था. उनके अनुसार, भ्रूण की गर्भ में मौत हो चुकी थी. अस्पताल पहुंचने पर, महिला अर्ध-चेतन थी और उसमें गंभीर संक्रमण के लक्षण दिखे. निजी तौर पर संचालित 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाओं के मुद्दों पर, डॉ मराड ने कहा कि एम्बुलेंस शायद ज्यादा मांग के कारण उपलब्ध नहीं हो सकी. पीटीआई- से बातचीत में पालघर से भाजपा सांसद सावरा ने कहा, ‘‘यह बेहद दुखद घटना है. स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटना न हो.’’