महाराष्ट्र सरकार में मंत्री अनिल परब ने BJP नेता किरीट सोमैया के खिलाफ दायर किया 100 करोड़ रुपये का मानहानि का मुकदमा, जानें क्या है पूरा मामला

महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब ने कथित रूप से ‘‘दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक और मानहानिकारक’’ बयान देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता किरीट सोमैया के खिलाफ मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया और 100 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है।

अनिल परब व किरीट सोमैया (Photo Credits Facebook)

मुंबई: महाराष्ट्र के मंत्री अनिल परब (Anil Parab)  ने कथित रूप से ‘‘दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक और मानहानिकारक’’ बयान देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता किरीट सोमैया के (Kirit Somaiya) खिलाफ मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में मानहानि का मुकदमा दायर किया और 100 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की है. शिवसेना नेता परब ने अपने वाद में सोमैया को बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिए जाने का भी अनुरोध कियाा गया है.  वाद में कहा गया है कि सोमैया ने सुर्खियों में बने रहने के लिए उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है.  राज्य के परिवहन मंत्री ने सोमैया के खिलाफ भविष्य में उनके खिलाफ ऐसा कोई बयान देने या प्रकाशित करने पर स्थायी रोक लगाने की भी मांग की है. यह भी पढ़े: Maharashtra: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED ने मंत्री अनिल परब को भेजा समन, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा- पार्टी इससे कानूनी तरीके से लड़ेगी

याचिका में कहा गया है कि सोमैया झूठे बयान दे रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि परब आपराधिक और भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त हैं. याचिका पर आगामी दिनों में सुनवाई होगी. परब ने पिछले हफ्ते अपनी वकील सुषमा सिंह के जरिए भाजपा के पूर्व सांसद सोमैया को कानूनी नोटिस भेजा था.  वाद में मंत्री ने कहा कि सोमैया ने नोटिस का जवाब नहीं दिया इसलिए उन्हें उच्च न्यायालय का रुख करने के लिए मजबूर होना पड़ा. याचिका में कहा गया है कि सोमैया मई 2021 से रत्नागिरि जिले के दापोली में एक रिसॉर्ट के निर्माण के संबंध में परब की संलिप्तता का आरोप लगाकर सोशल मीडिया पर बदनाम करने के अभियान में लिप्त थे.

याचिका में कहा गया है परब का उक्त रिसॉर्ट या उसके निर्माण से कोई संबंध नहीं है। सोमैया द्वारा प्रकाशित पोस्ट को सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया जाता है, जिससे मंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान होता है। याचिका में आगे कहा गया है कि परब एक मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का ईमानदारी और लगन से निर्वहन कर रहे हैं.

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