मुंबई, छह सितंबर महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में मराठा समुदाय के कुछ सदस्यों ने जालना में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर की गई पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुधवार को टायर जलाए, जिसके बाद दो लोगों को हिरासत में लिया गया। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
इसी बीच, शिवसेना (यूबीटी) विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जालना जिले में पुलिस कार्रवाई पर गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस्तीफे की मांग की।
अधिकारी ने बताया कि यह ‘रास्ता रोको’ (सड़क नाकाबंदी) विरोध प्रदर्शन दोपहर में सोलापुर-पुणे राजमार्ग की एक संपर्क सड़क पर किया गया।
पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘आज, कुछ मराठा आरक्षण समर्थक प्रदर्शनकारी दोपहर में सोलापुर-पुणे राजमार्ग पर ओल्ड पुणे नाका के पास एक संपर्क सड़क पर एकत्र हुए और जालना घटना के विरोध तथा आरक्षण की मांग को लेकर टायर जलाए।’’
इसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और टायरों को हटाया। उन्होंने बताया कि टायर हटाने के बाद सड़क को वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया और घटना के संबंध में पूछताछ के लिए दो लोगों को हिरासत में लिया गया।
उन्होंने कहा कि मराठा समुदाय के एक अन्य समूह ने सोलापुर-बार्शी मार्ग पर प्रदर्शन किया, जबकि जिले के करमाला में एक विरोध मार्च निकाला गया।
उधर, राज्यपाल बैस से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं राज्य के गृह मंत्री फडणवीस ने जालना में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज के लिए खेद व्यक्त किया है, लेकिन माफी पर्याप्त नहीं होगी।
दानवे ने कहा, ‘‘हमने गृह मंत्री के इस्तीफे की मांग की है।’’
शिवसेना (यूबीटी) नेता और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने का आदेश किसने दिया।
ठाकरे ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस तथा अजीत पवार में से जनरल डायर (उस ब्रिटिश अधिकारी का संदर्भ जिसने गोलीबारी का आदेश दिया था जिसके कारण 1919 जलियांवाला बाग नरसंहार हुआ था) कौन है?
उन्होंने कहा, ‘‘लाठीचार्ज का आदेश किसने दिया? लाठीचार्ज करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई तो कर दी जाएगी, लेकिन उन लोगों का क्या जिन्होंने सरकार की तरफ से आदेश जारी किए?’’
एक सितंबर को अधिकारियों ने जालना में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल कर रहे मनोज जारांगे को अस्पताल ले जाने का प्रयास किया था लेकिन प्रदर्शनकारियों ने ऐसा नहीं करने दिया। इसके बाद पुलिस ने अंतरवाली सरती गांव में हिंसक भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े थे।
हिंसा में 40 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे और 15 से अधिक राज्य परिवहन बसों को आग के हवाले कर दिया गया था।
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