नागपुर, 27 दिसंबर : महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra Legislative Council) ने कर्नाटक के 865 मराठी भाषी गांवों के अपने राज्य में विलय पर ‘‘कानूनी रूप से आगे बढ़ने’’ और दक्षिणी राज्य से सीमावर्ती इलाकों में रह रहे मराठी लोगों की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए केंद्र से कहने संबंधी प्रस्ताव मंगलवार को सर्वसम्मति से पारित किया. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र विधानसभा के दोनों सदनों में यह प्रस्ताव पेश किया. इस प्रस्ताव में सीमावर्ती इलाकों में रह रहे लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त की गई है.
प्रस्ताव में कहा गया है, ‘‘राज्य सरकार कर्नाटक में 865 मराठी भाषी गांवों और बेलगाम, कारवार, बीदर, निपाणी और भाल्की शहरों की एक-एक इंच जमीन अपने में शामिल करने के मामले पर उच्चतम न्यायालय में कानूनी रूप से आगे बढ़ेगी.’’ इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार को कर्नाटक सरकार से (सीमा विवाद मामले में) केंद्रीय गृह मंत्री के साथ बैठक में किए गए फैसलों को लागू करने का आग्रह करना चाहिए. यह भी पढ़ें : Maharashtra Karnataka Border Dispute: कर्नाटक की बसों पर महाराष्ट्र समर्थक नारे, CM बोम्मई ने ऐसी घटनाओं की निंदा की
इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार को सीमावर्ती क्षेत्रों में मराठी लोगों की सुरक्षा की गारंटी के लिए कर्नाटक सरकार को निर्देश देना चाहिए. परिषद ने उप सभापति डॉ नीलम गोरे की उपस्थिति में प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया. ई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के बाद 1957 से ही दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद है.