Maharashtra Decision on Women Harassment: महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, महिलाओं को उत्पीड़न की शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराने की अनुमति देने का लिया निर्णय
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने महिला उत्पीड़न के मामले ऑनलाइन दर्ज किये जाने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर चर्चा की और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया है.
Maharashtra Decision on Women Harassment: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार को कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने महिला उत्पीड़न के मामले ऑनलाइन दर्ज किये जाने के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर चर्चा की और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया है.जलगांव में रविवार को ‘‘माझी लाडकी बहिन योजना’’ के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों को अक्षम्य अपराध बताया था और कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए.
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार व हत्या तथा मुंबई के निकट बदलापुर में चार साल की दो स्कूली बच्चियों के यौन शोषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में उन्होंने यह कहा था.मोदी ने कहा था कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) में, महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराधों के लिए एक पूरा अध्याय है और अगर कोई महिला पुलिस थाने नहीं पहुंच सकती है, तो वह ई-प्राथमिकी दर्ज करा सकती हैं, और कोई भी पुलिस थाना स्तर पर कोई भी कर्मी उसमें बदलाव नहीं कर सकता. यह भी पढ़ें: Maharashtra Politics: भाजपा और शिवसेना (यूबीटी) कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई, पुलिस ने कई को हिरासत में लिया
पत्रकारों से बातचीत करते हुए पवार ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने ऐसी घटनाओं के बारे में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करने के निर्देश दिए हैं और हमने इसे तुरंत लागू करने का फैसला किया है. ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं. हमने ऐसे अपराधों को रोकने के लिए एक अलग दृष्टिकोण अपनाने का फैसला किया है और इस मुद्दे पर कल कैबिनेट की बैठक में चर्चा की गई.’’उपमुख्यमंत्री ने ऐसे अपराधों के अपराधियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, ‘‘इन मामलों में अपराधियों को मृत्युदंड मिलना चाहिए और मुकदमा फास्ट-ट्रैक अदालत में चलना चाहिए.’’
पवार ने कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के उन आरोपों को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुणे पोर्श कार दुर्घटना मामले में राज्य सरकार के करीबी लोगों को बचाया गया था. उस घटना में, एक किशोर ने दो आईटी पेशेवरों को कुचल दिया था और उनकी मौत हो गई थी. पवार ने आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि अगर किसी के पास कोई सबूत है तो वह उन्हें पेश कर सकता है क्योंकि किसी को भी बचाया नहीं जाएगा. महायुति के घटक दलों (भाजपा, शिवसेना और राकांपा) के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर बातचीत के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आगामी राज्य विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता में वापस आने पर सरकार इस संबंध में निर्णय लेगी.
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