महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री मराठा आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता जरांगे से मिलने नहीं गए

मुंबई, 13 सितंबर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बुधवार को मराठा आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे से मिलने के लिए जालना जिले नहीं गए लेकिन उन्होंने कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को पूरा करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने यह भी दावा किया कि सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन से पहले अचानक की गई उनकी एक टिप्पणी को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया. अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री का जालना जाकर जरांगे से मिलने का कार्यक्रम निर्धारित था, लेकिन वह मिलने नहीं जा सके.

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे 29 अगस्त से अंतरवाली सरती गांव में भूख हड़ताल पर हैं. सूत्रों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री अजीत पवार भी आरक्षण कार्यकर्ता से मिलने के लिए जालना नहीं गए. उनकी जगह कुछ अन्य मंत्री जरांगे से मिलेंगे. जरांगे ने मंगलवार रात संवाददाताओं से कहा था कि वह चाहते हैं कि शिंदे उनसे मिलने आएं ताकि वह अनशन वापस ले सकें. शिंदे ने बुधवार को एक बयान में कहा कि उनकी सरकार आरक्षण के मुद्दे पर ठोस कदम और फैसले ले रही है.उन्होंने कहा, ‘‘सोशल मीडिया पर स्थितियों और बातचीत को तोड़-मरोड़ कर पेश कर राज्य की छवि खराब करना ठीक नहीं है.

शिंदे ने बताया कि आरक्षण के मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक के बाद वह पत्रकार वार्ता से पहले दोनों उपमुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा कर रहे थे कि बैठक में क्या हुआ उस पर सकारात्मक रूप से जानकारी दी जाए. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हमारी बातचीत को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया गया। यह शरारतपूर्ण है और लोगों के मन में संदेह पैदा करता है.’’ कुछ विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि इस तरह की टिप्पणी से साफ पता चलता है राज्य सरकार आरक्षण के मुद्दे से निपटने के लिए गंभीर नहीं है.

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