देश की खबरें | महाराष्ट्र: भाजपा का विरोध प्रदर्शन, आम लोगों को लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति देने की मांग

मुंबई, छह अगस्त भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के कई नेताओं ने शुक्रवार को मुंबई में पार्टी के विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेकर कोविड-19 की दोनों खुराकें ले चुके लोगों को उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा की अनुमति देने की मांग की।

सायन में विरोध प्रदर्शन करने वाले पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने कहा, “महामारी के कारण कम आय वाले समूहों की वित्तीय स्थिति पहले ही खराब हो गई है। अगर इन लोगों का पूरी तरह टीकाकरण हो गया है तो उन्हें लोकल ट्रेनों में यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए।''

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को आम आदमी की जिंदगी से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।

राज्य की विधान परिषद् में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर ने चर्चगेट स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया और बाद में वहां से चरनी रोड स्टेशन गए।

बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “सरकार लोगों को बसों और परिवहन के अन्य साधनों से यात्रा करने की अनुमति दे रही है, लेकिन लोकल ट्रेनों से नहीं। जिन लोगों को दोनों टीके लग चुके हैं, वे हवाई जहाज से भी यात्रा कर सकते हैं, लेकिन उनके लिए लोकल ट्रेन सेवाएं अब भी शुरू नहीं हुईं।''

उन्होंने पूछा, ''राज्य सरकार ने निजी कार्यालयों को पूरी क्षमता से संचालित करने की अनुमति दी है। इस परिदृश्य में, लोग कैसे अपने कार्यालय पहुंचें?''

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के कारण इस साल अप्रैल में महानगर में उपनगरीय ट्रेन सेवाओं को आम जनता के लिए निलंबित कर दिया गया था। फिलहाल लोकल ट्रेनों में केवल सरकारी कर्मचारियों और आवश्यक सेवाओं के कर्मचारियों को ही यात्रा करने की अनुमति है।

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बृहस्पतिवार को कहा था कि उनकी सरकार सभी यात्रियों के लिए मुंबई में उपनगरीय ट्रेन सेवाएं फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है और इस संबंध में जिम्मेदारी के साथ निर्णय लिया जाएगा।

इस बीच, टीवी पत्रकार संघ ने आरोप लगाया कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने कुछ पत्रकारों और कैमरामैन को धक्का दिया और चरनी रोड स्टेशन पर उनका काम बाधित कर दिया।

एसोसिएशन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ''भाजपा के विरोध को कवर करने के लिए पत्रकार स्टेशन पर जमा हुए थे। हालांकि, आरपीएफ कर्मियों ने कुछ पत्रकारों और कैमरामैनों को दूर धकेल दिया। हम बल प्रयोग की निंदा करते हैं।''

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