
भोपाल, एक अप्रैल मध्यप्रदेश सरकार ने यात्रियों की सुविधा के लिए करीब दो दशक पहले बंद की गई सरकारी समर्थित बस सेवा को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में साधारण और ग्रामीण मार्गों पर व्यवस्थित, सुविधाजनक और सुरक्षित यात्री बस परिवहन सेवाएं प्रदान करने के लिए ‘मुख्यमंत्री सुगम परिवहन सेवा’ शुरू करने के निर्णय को मंजूरी दे दी गई।
तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने 2004 में भारी घाटे का हवाला देते हुए मध्यप्रदेश राज्य परिवहन निगम को बंद कर दिया था, जिससे सड़क परिवहन नेटवर्क में एक खालीपन पैदा हो गया था।
राज्य के परिवहन मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा, “यह मॉडल पीपीपी (सार्वजनिक निजी भागीदारी) के आधार पर संचालित होगा।”
एक अधिकारी के अनुसार, ग्रामीण व साधारण सेवा मार्गों और यातायात का निर्धारण करके व्यवस्थित योजना के माध्यम से यात्री बसों का संचालन किया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने यात्री परिवहन सेवा शुरू करने और राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी स्थापित करने के लिए 101.20 करोड़ रुपये की ‘इक्विटी’ पूंजी मंजूर करने का फैसला किया।
फिलहाल, 20 शहरों में सार्वजनिक परिवहन के लिए कंपनी अधिनियम के तहत विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) बनाए गए हैं, जिनमें से 16 सक्रिय हैं।
अधिकारी ने बताया, “उपर्युक्त सभी कंपनियों को सात संभागीय कंपनियों में विलय कर दिया जाएगा। इन सात कंपनियों के एकीकृत नियंत्रण के लिए कंपनी अधिनियम 2013 के तहत राज्य स्तर पर एक होल्डिंग कंपनी बनाई जाएगी।”
मंत्रिपरिषद ने त्रिस्तरीय संरचना के तहत जिम्मेदारियों का निर्वहन करने और राज्य स्तरीय होल्डिंग कंपनी के 51 प्रतिशत शेयरों को सात सहायक कंपनियों में निवेश करने को भी मंजूरी दी।
अधिकारी के अनुसार, संबंधित संभागीय मुख्यालयों में मौजूदा सिटी बस परिवहन कंपनियों में संशोधन कर क्षेत्रीय सहायक कंपनियों का गठन किया जाएगा।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)