नयी दिल्ली, 25 नवंबर संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद पुन: शुरू होने के एक मिनट के अंदर दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी और प्रश्नकाल समेत कोई विधायी कामकाज नहीं हुआ।
निचले सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वर्तमान लोकसभा के सदस्य रहे वसंत राव चव्हाण और नूरुल इस्लाम तथा पूर्व सदस्यों एम एम लॉरेंस, एम पार्वती एवं हरीश चंद्र देवराव चव्हाण के निधन के बारे में सदन को सूचित किया।
सभा ने कुछ क्षण मौन रखकर दिवंगत सांसदों और पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि दी।
इसके बाद कुछ विपक्षी सदस्य एक उद्योगपति से जुड़े मामले और उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को हुई हिंसा के मुद्दे को उठाने का प्रयास करते सुने गए और हंगामे के बीच बिरला ने करीब 11 बजकर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बैठक शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सदन में पहुंचे तो केंद्रीय मंत्रियों समेत सत्तापक्ष के सदस्य अपने स्थान पर खड़े हो गए और उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए।
दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होते ही समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद धर्मेंद्र यादव और कुछ अन्य पार्टी सदस्य संभल हिंसा का मुद्दा उठाने का प्रयास करते देखे गए। इस दौरान विपक्ष की अग्रिम पंक्ति में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी खड़े थे।
अन्य विपक्षी दलों के सदस्य भी विभिन्न मुद्दे उठाने का प्रयास कर रहे थे।
पीठासीन सभापति संध्या राय ने हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया।
शोर-शराबा जारी रहने पर उन्होंने सदन की बैठक एक मिनट के अंदर ही दिनभर के स्थगित कर दी।
मंगलवार को संविधान दिवस (26 नवंबर) के उपलक्ष्य में लोकसभा की बैठक नहीं होगी।
निचले सदन की अगली बैठक अब बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होगी।
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