छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक निजी स्कूल में पढ़ाने वाली 24 वर्षीय शिक्षिका श्रध्दा पटेल की शादी इस महीने की 17 तारीख को होने वाली थी। शादी की तैयारियां पूरी हो गई थीं लेकिन अब कोरोना वायरस प्रभाव के कारण श्रध्दा की शादी रद्द कर दी गई। परिवार के लोग नयी तारीख के इंतजार में हैं।
श्रध्दा का परिवार उसकी शादी को लेकर दुविधा में है। परिवार चाहता है कि श्रध्दा की शादी अगले माह एक साधारण समारोह में कर दिया जाए। लेकिन वर वधु चाहते हैं कि उनकी शादी में रिश्तेदार और करीबी दोस्त जरूर शामिल हों।
श्रध्दा ने फोन पर बताया कि एक मार्च को सगाई के बाद उसके परिवार वालों ने कार्यक्रम स्थल की बुकिंग करवा ली थी तथा शादी की तैयारियां भी शुरू कर दी गई थी। उसकी शादी दुर्ग जिले में स्थित एक इस्पात संयंत्र में कार्यरत आईटी सहायक के साथ तय हुई है।
वह कहती है कि उनके :वर वधु के: परिवार वालों ने शादी को वर्ष के अंत तक टालने का फैसला कर लिया था। लेकिन मुहुर्त को देखते हुए अब शादी अगले महीने आयोजित करना चाह रहे हैं।
पटेल कहती हैं कि वह अब भव्य शादी नहीं करना चाहती है लेकिन कम से कम करीबी दोस्त और रिश्तेदार तो जरूर इस मौके पर मौजूद रहें। लेकिन लॉकडाउन में नियमों के तहत ऐसा कर पाना मुश्किल लग रहा है क्योंकि अब शादी में 20 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति दी जा रही है। इसलिए हम अब इंतजार करना चाह रहे हैं।
भिलाई शहर में पालिटेक्निक कालेज की अंतिम वर्ष की छात्रा टी वैभवी :21 वर्ष: की परेशानी भी कुछ इसी तरह की है। वैभवी की शादी 10 जून को हैदराबाद के एक इंजीनियर के साथ तय हुई है। उसके पिता ने अपनी बेटी की शादी के लिए भिलाई के एक भवन को तय कर लिया था तथा इसके लिए राशि का भुगतान भी कर दिया था।
वैभवी के पिता टीवी मुरली कहते हैं कि हमें इस बात का कोई अफसोस नहीं है कि हमने शादी की तैयारियों के लिए पहले से दी गयी अग्रिम राशि को खो दिया है। हम यही कामना करते हैं कि हम सभी को जल्द ही कोरोना वायरस से छुटकारा मिल जाए और लोग सुरक्षित रहें।
सूत्रों के अनुसार छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के दौरान लगभग 80 प्रतिशत शादियों को स्थगित कर दिया गया है।
राज्य के विभिन्न जिलों में प्रशासन को अब तक कुछ ही आवेदन प्राप्त हुए हैं जो मई और जून में शादी की अनुमति चाहते हैं। जबकि साधारण दिनों में इन दो माह के दौरान सैकड़ों की संख्या में शादियां होती थी।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो हफ्तों के दौरान दुर्ग जिला प्रशासन को चार सौ शादियों के आयोजन की अनुमति के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं।
इसी तरह रायपुर में भी अधिकारियों को इस अवधि के दौरान चार सौ आवेदन प्राप्त हुए हैं। जबकि रायगढ़ में 134 , कोरबा में 50 और बिलासपुर में 90 आवेदन मिले हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश आवेदन ग्रामीण क्षेत्रों से प्राप्त हुए है।
लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में शादियों के स्थगित होने या टाल दिए जाने का असर शादी भवन के मालिकों तथा खानपान की व्यवस्था करने वालों (कैटरर) के व्यापार पर भी पड़ा है।
रायपुर में अभिनंदन पैलेस नाम से विवाह स्थल के मालिक संजय चौबे ने कहा कि उनके पास अप्रैल और मई के लिए लगभग 18 बुकिंग थीं और लॉकडाउन के बाद उनमें से सभी को रद्द कर दिया गया। चौबे ने बताया कि इस दौरान उन्हें लगभग 25 लाख रूपए का नुकसान हुआ है।
चौबे ने कहा कि हम अग्रिम राशि की वापसी की स्थिति में भी नहीं हैं। क्योंकि हमें स्थल के रखरखाव पर प्रति माह लगभग 60 हजार रूपए खर्च करना होगा। हम पूरी तरह से नुकसान में हैं और ऐसा लगता है कि स्थिति पूरे साल एक जैसी रहेगी।
वहीं रायपुर स्थित एक कैटरर विमल यदु ने कहा कि उनका व्यापार नुकसान में है। यदु ने बताया कि उन्हें लगभग 22 शादियों में खानपान की व्यवस्था करने का काम मिला था। लेकिन उन सभी को रद्द कर दिया गया। इससे उसे लगभग 15 लाख रूपए का नुकसान हुआ है।
यदु ने बताया कि इस दौरान केवल शादी भवन मालिकों या कैटररों को ही नहीं बल्कि रोशनी करने वालों, फूलों की सजावट करने वालों और गाजे बाजे की व्यवस्था करने वालों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
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