नयी दिल्ली/ चेन्नई, चार मई देश के ज्यादातर हिस्सों में शराब की दुकानें लगभग 40 दिन बाद सोमवार को फिर से खुलीं और इन पर लोगों की भारी भीड़ दिखाई दी। हालांकि कुछ स्थानों पर सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियम का पालन नहीं होने की वजह से दुकानों को फिर से बंद कर दिया।
दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई और लखनऊ और अन्य शहरों समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आज कुछ असाधारण दृश्य देखने को मिले, जब बड़ी संख्या में न केवल पुरुष बल्कि कुछ महिलाएं भी शराब की दुकानें खुलने से पहले ही पंक्तियों में खड़ी हो गयी थीं। एक दुकान पर पहले ग्राहक का स्वागत फूलों की मालाओं से किया गया जबकि एक अन्य दुकान पर ग्राहक का स्वागत नारियल फोड़कर किया गया।
दिल्ली की तरह पश्चिम बंगाल, राजस्थान और आंध्र प्रदेश में कई हिस्सों में शराब की दुकानों को खोले जाने के कुछ मिनट बाद ही बंद करना पड़ा क्योंकि लोगों की भीड़ के कारण सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियमों का उल्लंघन होता दिखाई दिया।
हालांकि तमिलनाडु सरकार ने सात मई से शराब की दुकानों को खोलने की घोषणा की है।
तमिलनाडु सरकार ने कहा कि गत 24 मार्च को लॉकडाउन के कारण बंद शराब की दुकानें राज्य में कुछ पाबंदियों के साथ सात मई से खुलेंगी। हालांकि सरकार ने निषिद्ध क्षेत्रों में इन दुकानों को खोलने की संभावना से इनकार कर दिया।
इस बीच देश के कुछ स्थानों पर शराब की दुकानों पर सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का उल्लंघन भी किया गया।
गृह मंत्रालय ने सोमवार से लॉकडाउन की अवधि दो और सप्ताह के लिए बढ़ा दी थी और ग्रीन तथा ऑरेंज जोन में शराब और तंबाकू की दुकानें खोलने की अनुमति दी थी।
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को खुली शराब की दुकानों में से कई को भीड़ के अनियंत्रित होने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन न करने की वजह से बंद करना पड़ा। कई जगह भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हल्के बल का इस्तेमाल भी करना पड़ा।
शराब की दुकानों पर सामाजिक दूरी का पालन किये जाने में, शराब की दुकानों के असफल रहने के बाद दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा ने सोमवार को एक रिपोर्ट तैयार की और सुझाव दिया कि दुकानों पर भीड़ कम करने के लिए शराब की बिक्री का समय बढ़ाया जाना चाहिए।
विशेष शाखा द्वारा तैयार रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘भीड़ से बचने के लिए शराब की बिक्री का समय बढ़ाया जा सकता है और दुकानों पर शराब का पर्याप्त स्टॉक होना चाहिए क्योंकि लोग अपनी आवश्यकता से अधिक खरीद लेंगे।’’
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में ऐसे समय में शराब की दुकानों को खोलने में जल्दबाजी की जब वह ‘रेड जोन’ में है।
उन्होंने दिल्ली में शराब की दुकानों के बाहर उमड़ी भारी भीड़ के मद्देनजर सरकार से अपने निर्णय की समीक्षा करने का भी अनुरोध किया।
हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘जानबूझकर या अनजाने में लिए गए निर्णय को जारी रखना सही और बुद्धिमानी नहीं होगा क्योंकि इसके प्रतिकूल प्रभाव पहले से ही नजर आने लगे है। दिल्ली सरकार को अपने फैसले की समीक्षा करनी चाहिए।’’
एक अधिकारी के अनुसार, लॉकडाउन के नियमों में ढील देने के बाद शराब की करीब 150 दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है। ये दुकानें सुबह नौ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक खुल सकती हैं।
कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि केवल सरकारी दुकानों को शराब बिक्री की अनुमति दी गई है।
राजधानी के बुराड़ी, मयूर विहार, गांधी विहार, रोहिणी और जनकपुरी में बड़ी संख्या में लोग दुकानों के बाहर इकट्ठे हो गए।
अधिकारी ने बताया कि पूर्वी दिल्ली में मयूर विहार के पास एक दुकान को बंद कराना पड़ा क्योंकि लोग वहां सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं कर रहे थे। उत्तर और मध्य दिल्ली से भी ऐसी खबरें मिली हैं।
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ उन दुकानों को बंद करने को कहा गया, जहां सामाजिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन नहीं हो रहा था। वहीं कुछ स्थानों पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा।’’
इस बीच कांग्रेस ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों को खोलने के फैसले की आलोचना की।
कांग्रेस की दिल्ली प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अनिल कुमार ने आरोप लगाया कि कोई विचार-विमर्श किये बिना शराब की दुकानों को खोल दिया गया। उन्होंने आशंका जताई कि इस कदम से आने वाले सप्ताह में दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में ‘‘तेजी से वृद्धि’’ होगी।
उत्तर प्रदेश में शराब की 26,000 दुकानें फिर से खुलीं तो उन पर लोगों की भारी भीड़ नजर आई जबकि राजस्थान में कुछ दुकानों पर सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियम का पालन नहीं किया गया।
सरकारी अधिसूचना के अनुसार, शराब बेचने वाली दुकानों पर सामाजिक दूरी बनाये रखने संबंधी नियम का पालन करना होगा और एक समय में दुकान पर पांच से अधिक लोग मौजूद नहीं रह सकते है।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में सुबह 10 बजे से ही दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ नजर आने लगी थी।
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने कुछ पाबंदियों के साथ सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी थी।
शराब की दुकानों के निकट पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई थी ताकि भीड़ एकत्र न हो।
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण पर रोक लगाने के लिये जारी लॉकडाउन के नियमों में छूट के बाद सोमवार से शर्तों के साथ शराब की दुकानें खुली और खुलने से पहले ही दुकानों पर लंबी लंबी कतारें देखने को मिली ।
आबकारी विभाग को अनुमान है कि सोमवार को पहले दिन प्रदेश की 26 हजार दुकानों से करीब 100 करोड़ रुपये का राजस्व सरकार को मिलने का अनुमान है।
प्रदेश के प्रमुख सचिव (आबकारी) संजय भूसरेड्डी ने अपने अधिकारियों के साथ स्वयं सुबह करीब दस बजे से ही शहर के महानगर, अलीगंज, इंदिरानगर आदि इलाकों की शराब की दुकानों का निरीक्षण किया और सभी दुकानों पर सेनेटाइजर और सामाजिक मेल जोल से दूरी की व्यवस्था को सुनिश्चित किया।
भूसरेड्डी ने ‘’ को बताया कि ''सोमवार से प्रदेश के सभी जनपदों की करीब 26 हजार, शराब की दुकानें खोलने के आदेश दे दिये गये हैं। अधिकतर जनपदों में दुकानें खुलीं और लॉकडाउन के नियमों का पालन, सामाजिक मेल जोल से दूरी और सफाई की व्यवस्था पर ध्यान देते हुये शराब की बिक्री जारी है।’’
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