कोच्चि, 28 सितम्बर कोच्चि की एक अदालत ने सोमवार को एक व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनायी जिसे जानबूझकर आईएसआईएस में शामिल होने और बाद में इस खतरनाक आतंकवादी संगठन की गतिविधियों के लिए इराक जाने का दोषी ठहराया गया था।
विशेष एनआईए अदालत ने साथ ही केरल निवासी सुब्हानी हजा मोइदीन पर 2,10,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जिसे एनआईए ने 2016 में तमिलनाडु में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों एवं राज्य पुलिस की मदद से एक कार्रवाई के बाद गिरफ्तार किया था।
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अदालत ने गत शुक्रवार को उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) और 125 के तहत दोषी ठहराया था। अदालत ने साथ ही उसे गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) की धारा 38 और 39 के तहत भी दोषी ठहराया था।
हालांकि मोइदीन भारतीय दंड संहिता की धारा 122 के तहत दोषी नहीं पाया गया था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दायर आरोपपत्र के अनुसार केरल के इदुकी जिले का रहने वाला मोइदीन जानबूझकर 2015 में आईएसआईएस का सदस्य बना था।
एनआईएस के आरोपपत्र के अनुसार आईएसआईएस की गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए वह अप्रैल-सितम्बर 2015 में इराक गया, आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ और इराक सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ा।
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