चाईबासा में बच्चे की गला दबाकर हत्या करने के जुर्म में महिला को उम्रकैद

चाईबासा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने मझगांव निवासी वसिदा खातून को पांच साल के बच्चे की गला दबाकर हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है तथा उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits : Pixabay)

चाईबासा (झारखंड), 9 सितंबर : चाईबासा के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने मझगांव निवासी वसिदा खातून को पांच साल के बच्चे की गला दबाकर हत्या करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनायी है तथा उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने 15 गवाहों को सुनने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत वसिदा खातून को दोषी मानते हुए उसे बृहस्पतिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनायी.

यह मामला 2021 का है जब मृत बच्चे के पिता मुजफ्फर हयात ने मझगांव थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. हयात ने कहा था कि 29 सितंबर 2021 की शाम को जब वह घर आया तो पत्नी मजहबी ने बताया कि उनका पांच साल का बेटा रेहान अभी तक घर नहीं आया है. थाने में दर्ज मुकदमे के अनुसार, हयात ने पूरे गांव में बेटे की तलाश की लेकिन वह नहीं मिला. यह भी पढ़ें : गोवा सरकार ने सोनाली फोगाट की मौत से जुड़े रेस्तरां को ढहाने की प्रक्रिया शुरू की

उसी दौरान उसे पता चला कि गांव के तालाब में एक बक्सा तैरते हुए देखा गया है. इसके बाद पुलिस ने तालाब से बक्से को निकाला तो उसमें रेहान का शव मिला. पुलिस ने बताया कि दोषी महिला वसिदा खातून बच्चे के पिता हयात के पास कपड़े सिलवाने के बहाने जाती थी और यह बच्चे की मां मजहबी को पसंद नहीं था. इसी को लेकर बच्चे की मां और वसिदा खातुन के बीच हमेशा विवाद होता रहता था. इसी प्रतिशोध में वसिदा ने रेहान की गला दबाकर हत्या कर दी और उसका शव बक्से में बंद करके तालाब में डाल दिया.

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