नयी दिल्ली, 20 अगस्त दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने एक आईएएस अधिकारी को त्रिपक्षीय समझौते को अंतिम रूप देने में कथित तौर पर ‘‘उदासीन रवैया’’ अपनाने के कारण कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को उनकी ‘सेवाएं वापस लेने’ का निर्देश दिया है ताकि उन्हें उनके मूल कैडर में वापस भेजा जा सके।
उपराज्यपाल के प्रधान सचिव आशीष कुंद्रा ने डीडीए के उपाध्यक्ष को भेजे पत्र में कहा कि ड्रोन सर्वेक्षण के उपयोग पर सक्सेना के नेतृत्व में कई बैठकें आयोजित की गईं।
पत्र में कहा गया कि दिल्ली के मुख्य सचिव, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के आयुक्त और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुई इन बैठकों में डीडीए और भारतीय सर्वेक्षण विभाग (एसओआई) के बीच 23 अगस्त, 2019 को हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के दायरे में एमसीडी को शामिल करके त्रिपक्षीय समझौते के रूप में विस्तारित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इसमें कहा गया, ‘‘गंभीर चिंता के साथ यह उल्लेख किया गया है कि जून में ही डीडीए, एमसीडी और एसओआई के बीच एक सप्ताह के भीतर त्रिपक्षीय समझौते को अंतिम रूप देने और जमीन पर काम शुरू करने की प्रतिबद्धता के बावजूद इस संबंध में कुछ भी नहीं हुआ है।’’
पत्र में आरोप लगाया गया है कि 16 अगस्त को हुई एक बैठक में, डीडीए के भूमि प्रबंधन आयुक्त ने ‘‘यह कहकर समझौते न होने के बारे में छिपाने की कोशिश की कि एसओआई ने कुछ मुद्दों को चिह्नित किया है’’जबकि बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अभी तक समझौते की एक प्रति भी नहीं मिली है।
पत्र में कहा गया, ‘‘उन्हें सौंपे गए कार्य में उनका रवैया उदासीन रहा है। माननीय उपराज्यपाल ने इच्छा व्यक्त की है कि उन्हें तत्काल उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया जाए।’’
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