उत्तर प्रदेश: बहराइच में दादी की गोद से छीनकर पांच साल की बच्ची को ले गया तेंदुआ, जंगल से शव बरामद

कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में एक तेंदुआ पांच साल की बच्ची को उसकी दादी की गोद से छीनकर ले गया. शुक्रवार सुबह बच्ची का शव क्षत विक्षत हालत में जंगल से बरामद हुआ है. ग्रामीणों के आक्रोश से गांव में तनाव है. मुर्तिहा रेंज अंतर्गत जंगल से सटे गोलहना गांव की सुमित्रा बृहस्पतिवार दोपहर बाद अपनी पोती श्रेया को साथ लेकर खेत में काम करने गयी थी.

मौत/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

बहराइच/उत्तर प्रदेश, 20 नवंबर: कतर्नियाघाट वन्यजीव प्रभाग में एक तेंदुआ पांच साल की बच्ची को उसकी दादी की गोद से छीनकर ले गया. शुक्रवार सुबह बच्ची का शव क्षत विक्षत हालत में जंगल से बरामद हुआ है. ग्रामीणों के आक्रोश से गांव में तनाव है. पुलिस अधीक्षक विपिन मिश्र ने बताया कि मुर्तिहा रेंज अंतर्गत जंगल से सटे गोलहना गांव की सुमित्रा बृहस्पतिवार दोपहर बाद अपनी पोती श्रेया (05) को साथ लेकर खेत में काम करने गयी थी. उन्होंने बताया कि करीब 3-4 बजे श्रेया को भूख लगी तो दादी उसे गोद में बिठाकर खाना खिलाने लगी. इसी दौरान जंगल से निकलकर आया तेंदुआ दादी की गोद से मासूम को छीनकर जंगल की ओर भाग गया.

एसपी ने बताया कि सूचना पाकर काफी संख्या में आक्रोशित ग्रामीण एकत्रित हो गए. वनकर्मी भी मौके पर पहुंचे. आक्रोशित ग्रामीणों ने वनकर्मियों पर पथराव कर दिया. पथराव में वन दरोगा समेत पांच वनकर्मी घायल हुए हैं. वन विभाग के एक वाहन को भी ग्रामीणों ने पलट कर कुछ वाहनों में तोड़फोड़ की है. उन्होंने बताया कि रात में दो वन दरोगा लापता बताए गये थे जो कि सुबह वापस आ गये हैं. दरअसल ये दोनों ग्रामीणों के हमले से बचने के लिए झाड़ियों के पीछे छिप गये थे. अभी भी मौके पर सैकड़ों ग्रामीण एकत्रित हैं. गांव में तनाव बना हुआ है.

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एसपी ने बताया कि सात वन रेंजों के वनकर्मी, पुलिस उपाधीक्षक व आसपास के थानों की पुलिस घटनास्थल पर कैम्प कर रही है. प्रभागीय वनाधिकारी यशवंत सिंह ने शुक्रवार को बताया कि "ग्रामीणों ने वन विभाग के एक फारेस्टर को बंधक बना कर उसकी पिटाई भी की है." सिंह ने बताया, "सुबह बच्ची का क्षत विक्षत शव बरामद हुआ है. उम्मीद है कि अब माहौल शांत होगा. माहौल को शांत करने के लिए शव के शीघ्र पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल प्रशासन से आग्रह किया गया है. साथ ही ग्रामीणों को समझाने की कोशिशें जारी हैं."

उन्होंने बताया, "ग्रामीणों द्वारा वन विभाग की सलाह ना मानने के कारण भी इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं. ग्रामीणों को जंगल से सटे इलाके में बच्चों को ना ले जाने और समूह में ही घरों से निकलने की सलाह दी जाती रही है. डीएफओ ने कहा "फिलहाल ग्रामीण आक्रोशित हैं. उन्हें समझा-बुझा कर और पुलिस की सहायता से शांत करने का प्रयास जारी है. घटना गंभीर है, सरकारी कर्मियों पर हमला हुआ है तो बाद में इस संबंध में रेंज केस व पुलिस केस दर्ज कराया जाएगा."

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