खेल की खबरें | आखिरी दिन बैडमिंटन और टेटे में सोना बरसा, हॉकी टीम हारी , भारत चौथे स्थान पर

बर्मिंघम, आठ अगस्त पी वी सिंधू की अगुवाई में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने सोमवार को दांव पर लगे तीनों स्वर्ण पदक जीते जबकि अचंता शतक कमल ने उम्र को धता बताते हुए इन खेलों में तीसरा स्वर्ण अपने नाम किया ओर भारत 61 पदकों के साथ राष्ट्रमंडल खेलों की पदक तालिका में चौथे स्थान पर रहा ।

सिंधू, लक्ष्य सेन और चिराग शेट्टी तथा सात्विक साइराज रंकीरेड्डी ने बैडमिंटन में पीला तमगा अपने नाम किया। वहीं 40 बरस के शरत कमल ने पुरूष एकल स्वर्ण जीता ।

भारत के नाम कुल 22 स्वर्ण पदक रहे जो 2018 खेलों से चार कम हैं लेकिन इस बार निशानेबाजी खेलों का हिस्सा नहीं थी। गोल्ड कोस्ट में निशानेबाजों ने सात स्वर्ण पदक जीते थे ।

भारतीय हॉकी टीम की आस्ट्रेलिया के हाथों 0 . 7 से हार के कारण हालांकि खेलों का अंत निराशाजनक रहा ।

भारत ने 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य समेत 61 पदक अपने नाम किया और आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड , कनाडा के बाद चौथे स्थान पर रहा ।

टेबल टेनिस में शरत कमल ने इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड को 4 -1 से हराकर इन खेलों में स्वर्ण पदक की हैट्रिक लगाई । इस स्पर्धा का कांस्य साथियान ज्ञानशेखर ने जीता।

शानदार लय में चल रहे 40 साल के शरत ने रैंकिंग में अपने से बेहतर खिलाड़ी के खिलाफ पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए 11-13, 11-7, 11-2, 11-6, 11-8 से जीत दर्ज की। शरत की विश्व रैंकिंग 39वीं है जबकि 29 साल के पिचफोर्ड 20वें स्थान पर काबिज हैं।

शरत का इन खेलों में यह कुल 13वां पदक है। उन्होंने बर्मिंघम खेलों में चार पदक जीते। जिसमें इस स्वर्ण से पहले टीम स्पर्धा, मिश्रित युगल में श्रीजा अकुला के साथ स्वर्ण और पुरुष युगल में रजत पदक शामिल है।

उन्होंने 2006 में मेलबर्न खेलों में पदार्पण करते हुए स्वर्ण पदक जीता था ।

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधू और लक्ष्य सेन ने सोमवार को यहां फाइनल में विपरीत अंदाज में जीत दर्ज करते हुए राष्ट्रमंडल खेलों की बैडमिंटन प्रतियोगिता का क्रमश: महिला और पुरुष एकल का स्वर्ण पदक जीता जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी भी पुरुष युगल में स्वर्ण पदक जीतने में सफल रही।

भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने सोमवार को अपनी तीनों स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीते।

बैडमिंटन में दुनिया की सातवें नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने दुनिया की 13वें नंबर की कनाडा की मिशेल ली को 21-15, 21-13 से हराकर 2014 ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल में उनके खिलाफ मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। सिंधू ने 2014 में कांस्य पदक जीता था जबकि मिशेल स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं थी।

दो युवा खिलाड़ियों के बीच हुए पुरुष एकल फाइनल में दुनिया के 10वें नंबर के खिलाड़ी और विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए मलेशिया के दुनिया के 42वें नंबर के खिलाड़ी एनजी टीजे योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से हराकर राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण करते हुए स्वर्ण पदक जीता। बाइस साल के योंग के खिलाफ 20 साल के लक्ष्य की यह लगातार तीसरी जीत है।

सात्विक और चिराग की दुनिया की सातवें नंबर की जोड़ी ने पुरुष युगल फाइनल में बेन लेन और सीन वेंडी की इंग्लैंड की दुनिया की 19वें नंबर की जोड़ी को 21-15, 21-13 से हराया।

वहीं राष्ट्रमंडल खेलों में आस्ट्रेलिया का वर्चस्व तोड़ने का भारत का सपना अधूरा ही रहा और एकतरफा फाइनल में इस दिग्गज टीम के हाथों 0 . 7 से शर्मनाक हार के बाद उसे रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा ।

तोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता भारतीय टीम को हर विभाग में आस्ट्रेलिया ने बौना साबित कर दिया । दिल्ली राष्ट्रमंडल खेल 2010 की कड़वीं यादें हॉकी प्रेमियों के जेहन में फिर ताजा हो गई जब फाइनल में आस्ट्रेलियाई टीम ने भारत को 8 . 0 से हराया था ।

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