देश की खबरें | एलएएचडीसी-करगिल अपना कार्यकाल पूरा करेगी: भाजपा सांसद ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के समर्थन के मुद्दे पर कहा
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

करगिल, 21 नवंबर भाजपा सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने शनिवार को कहा कि वैचारिक मतभेद के बावजूद उनकी पार्टी क्षेत्र में विकास सुनिश्चित करने के लिए स्थायी प्रशासन के वास्ते लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी)-करगिल में नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन करती रहेगी।

उन्होंने यह भी कहा कि पांच अगस्त, 2019 से पहले की स्थिति, जब लद्दाख पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का हिस्सा था, की बहाली असंभव है।

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नामग्याल ने कहा, ‘‘हमने करगिल के लोगों और उसके विकास के हित में नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन दिया है। वैचारिक आधार पर कोई समझौता नहीं किया गया है।’’

लद्दाख के सांसद की टिप्पणी ऐसे वक्त में आयी है जब भाजपा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई वाले गुपकर घोषणापत्र जन गठबंधन (पीएजीडी) पर हमला किया है। यह गठबंधन विशेष दर्जे की बहाली और जम्मू कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य बनाये जाने की मांग कर रहा है।

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत भाजपा नेतृत्व ने पीएजीडी को ‘गिरोह’ करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह गिरोह जम्मू कश्मीर में विदेशी ताकतों का दखल चाहता है।

करगिल की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के समापन पर सवालों के जवाब में नामग्याल ने कहा कि उनकी पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए एलएएचडीसी-करगिल में नेशनल कॉन्फ्रेंस का समर्थन करती रहेगी कि वह पांच साल का अपना कार्यकाल पूरा करे।

एलएएचडीसी के 26 निर्वाचित सदस्यों में 10 नेशनल कॉन्फ्रेंस के, आठ कांग्रेस के, तीन भाजपा के और पांच निर्दलीय हैं। लद्दाख संघशासित प्रशासन इस 30 सदस्यीय परिषद में चार सदस्यों को नामित करता है।

करगिल पर्वतीय परिषद के 2018 के चुनाव में त्रिशंकु जनादेश आया था। प्रारंभ में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कांग्रेस से हाथ मिलाया था, पीडीपी के दो और भाजपा के एक पार्षद थे।

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस एक दूसरे से अलग हो गयीं। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिषद में सत्ता में रहने के लिए पीडीपी के दो पार्षदों एवं चार निर्दलियों से हाथ मिला लिया।

कुछ महीने बाद दोनों पीडीपी पार्षद भाजपा में शामिल हो गये और भाजपा ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को समर्थन दे दिया।

इस मुद्दे पर भाजपा सांसद ने कहा, ‘‘नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीडीपी के साथ गठबंधन किया और बाद में पीडीपी भाजपा के साथ मिल गयी...।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ हम दोनों के वैचारिक मतभेद हैं। यह गठबंधन करगिल के विकास, लोगों के कल्याण तथा परिषद का पांच साल का कार्यकाल सुनिश्चित करने पर भाजपा द्वारा जोर देने पर आधारित है ताकि लोगों को मध्यावधि चुनाव के लिए बाध्य न होना पड़े।’’

उन्होंने कहा कि करगिल पर्वतीय परिषद ने अतीत में कभी कार्यकाल पूरा नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सोचा कि जनादेश के साथ विश्वासघात नहीं होना चाहिए और परिषद अपना कार्यकाल पूरा करे।’’

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