नयी दिल्ली, दो फरवरी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के एक संघ ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वे विभिन्न निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या कम करके 25 प्रतिशत किए जाने के दिल्ली सरकार के आदेश से संतुष्ट हैं।
‘एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स’ के वकील ने न्यायमूर्ति नवीन चावला को इस बात से अवगत कराया कि उन्हें याचिका वापस लेने का निर्देश दिया गया है।
याचिका में एसोसिएशन ने सरकार का 12 सितंबर, 2020 का आदेश रद्द करने की मांग की थी, जिसमें 33 निजी अस्पतालों में कोविड-19 मरीजों के लिए 80 फीसदी सीटें आरक्षित कर दी गयी थी।
अदालत ने याचिका को वापस लेने का अनुरोध स्वीकार कर लिया और याचिका का निस्तारण कर दिया।
एसोसिएशन के वकील सान्याम खेत्रपाल ने कहा कि अस्पताल सरकार के 15 जनवरी के उस आदेश से संतुष्ट हैं, जिसमें कोविड-19 मरीजों के लिए आईसीयू में आरक्षित बिस्तरों की संख्या कम करके 25 प्रतिशत किए जाने का आदेश दिया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया गया था कि दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों के लिए आरक्षित आईसीयू बिस्तरों की संख्या घटाकर 25 फीसद कर दिया है।
सरकार ने महामारी की स्थिति की समीक्षा करने के बाद आरक्षित बिस्तरों की संख्या को क्रमिक रूप से घटाया है। नवंबर, 2020 में कोविड -19 संक्रमण के रोजाना 8000 नए मामले सामने आ रहे थे, लेकिन अब इनकी संख्या कम हो रही है। एक फरवरी को 121 नये मामले सामने आये हैं।
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