कोविड-19 : केरल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बनती है योजना

तिरूवनंतपुरम, नौ अप्रैल केरल सरकार कोरोना वायरस महामारी से निपटने के अपने प्रयासों में प्रौद्योगिकी की मदद ले रही है ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में कोई परेशानी नहीं आए।

देश में सबसे पहले कोरोना वायरस के तीन मामले केरल में सामने आए थे। चीन में कोविड-19 के केंद्र वुहान से केरल लौटे विद्यार्थी संक्रमित पाए गए थे।

सरकार ने अपनी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली को एकल, परस्पर जुड़े हुए ग्रिड में तब्दील कर दिया है ताकि सूचना हासिल होने में कोई बाधा नहीं आए और अच्छी सेवा मुहैया कराई जा सके। इसका श्रेय शीर्ष अधिकारियों की रोजाना होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग को जाता है जिसमें महामारी से निपटने के लिए रणनीति बनाई जाती है।

रोज़ाना जूम या रिमोट कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्वास्थ्य मंत्री के के शैलेजा और स्वास्थ्य क्षेत्र के शीर्ष अधिकारी , मेडिकल और पैरा मेडिकल कर्मियों के साथ स्थिति की समीक्षा, निगरानी और लोगों की विभिन्न आवश्यकताओं और चिंताओं को दूर करने के लिए प्रभावी प्रतिक्रियाओं को तैयार करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों पर चर्चा करते हैं।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दूसरे दौर में जिला अस्पतालों, जनरल अस्पतालों, ताल्लुका अस्पतालों और राज्य मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को शामिल किया जाता है, ताकि स्पष्ट तस्वीर मिल सके।

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ रंजन एन खोबरागडे ने बताया कि इन बातचीत में मरीजों के आंकड़े, पृथकवास में रखे गए लोगों की संख्या, अस्पताल से छुट्टी प्राप्त मरीजों की तादाद, जांच रिपोर्टों के साथ-साथ जांच करने वाली किट, दवाइयों और पीपीई की उपलब्धता की जानकारी ली जाती है। इसके बाद दिन की योजना बनाई जाती है।

केरल में 259 लोग अब भी संक्रमण से जूझ रहे हैं जबकि 1.40 लाख लोगों को अलग अलग अस्पतालों में निगरानी में रखा गया है।

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