कोविड-19: फिक्की ने की अनाज-खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने, मुर्गीपालकों को राहत पैकेजकी सिफारिश

नई दिल्ली, नौ अप्रैल उद्योग संगठन फिक्की ने कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर बृहस्पतिवार को सरकार को गेहूं ओर अन्य रबी फसलों के खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने तथा मुर्गीपालन उद्योग को राहत पैकेज देने का सुझाव दिया।

उद्योगमंडल ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण पोल्ट्री किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।

  फिक्की ने कहा, ‘‘जिन राज्यों में नयी फसलों की आवक शुरू होने की उम्मीद है, वहां कुछ दिनों में खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है ताकि किसानों को एमएसपी (न्यूनम समर्थन मूल्य) पर अपनी उपज बेचने के लिए माल लेकर तीन किमी से अधिक दूर न जाना पड़े।’’ इन सिफारिशों में कहा गया है कि खरीद केंद्रों से खरीद स्टॉक उठाने के लिए ट्रकों की संख्या में पर्याप्त वृद्धि की जानी चाहिए। इसके अलावा भारतीय खाद्य निगम और राज्य एजेंसियों के गोदामों में पर्याप्त भंडारण स्थान बनाने की आवश्यकता है।

फिक्की ने कहा कि एपीएमसी के नियमों में ढील दी जानी चाहिए क्यों कि मौजूदा नियमों के तहत किसान की फसलों को मंडी समितियों के अधिकार क्षेत्र के बाहर बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध हैं। संगठन ने कहा है कि किसानों को जल्द खराब होने वाली उपज (सब्जियां, फल, दूध, मछली, मांस आदि) को विनियमित बाजार से बाहर अपनी उपज को बेचने की अनुमति दी जानी चाहिए।

इसमें कहा गया है, ‘‘ सभी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को कार्य करने की अनुमति दी जानी चाहिए और उनके बीच आवश्यक और गैर-आवश्यक वस्तु का भेद नहीं किया जाना चाहिए।’’

फिक्की ने कहा कि कोरोनो वायरस संकट में पोल्ट्री क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फिक्की ने कहा है, ‘‘सरकार को प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के माध्यम से मुर्गीपालन करने वाले किसानों को सहायता देने पर विचार भी करना चाहिए।’’

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