नयी दिल्ली, 16 मई कोविड-19 की वजह से मौजूदा परिस्थितियों के मद्देनजर दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को अपने यहां और जिला अदालतों में 23 मई तक सिर्फ अत्यावश्यक कामकाज करने का ही फैसला किया है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक कोरोना वायरस की वजह से देश में अब तक 85,940 लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि 2,752 लोगों की जान जा चुकी है।
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता वाली उच्च न्यायालय की प्रशासनिक एवं समान्य पर्यवेक्षण समिति ने फैसला किया कि रोक 23 मई तक जारी रहेगी और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये अत्यावश्यक मामलों की सुनवाई जारी रहेगी।
प्रशासनिक आदेश में कहा गया, “…दिल्ली उच्च न्यायालय में कामकाज उन्हीं आधारों पर 23 मई तक स्थगित रहेगा। इस अदालत में अत्यावश्यक मामलों का उल्लेख और उन पर सुनवाई का प्रबंध वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पूर्व की तरह जारी रहेगा।”
अत्यावश्यक मामलों को उल्लेख वेबलिंक के जरिये किया जाएगा जो प्रत्येक कार्य दिवस पर सुबह नौ बजे से साढ़े 10 बजे तक उपलब्ध होगा।
आदेश में कहा गया कि उच्च न्यायालय में 18 से 23 मई के बीच सूचीबद्ध सभी मामले को क्रमश: छह जुलाई से 11 जुलाई की तारीखों के लिए स्थगित किया जाता है। इनमें वे मामले भी शामिल हैं जो पंजीयक या संयुक्त पंजीयक के समक्ष लंबित हैं।
आदेश में कहा गया कि जिला अदालतों में इस अवधि के दौरान सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई भी स्थगित रहेगी और इस बारे में जानकारी उनकी वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी।
अब तक वीडियो कांफ्रेंस के जरिये दो खंड पीठ और छह एकल पीठ मामलों की सुनवाई कर रही थीं। अब एकल पीठ की संख्या बढ़ाकर 10 कर दी गई है।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने 25 मार्च को अपने और जिला अदालतों के कामकाज पर लॉकडाउन के मद्देनजर 14 अप्रैल तक के लिये रोक लगाई थी। इसे बाद में तीन मई और फिर 17 मई तक बढ़ा दिया गया था।
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