नयी दिल्ली, 19 दिसंबर भारत में करीब एक महीने के अंदर कोरोना वायरस संक्रमण के 10 लाख मामले सामने आने के साथ देश में अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या शनिवार को एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गई, हालांकि वायरस का प्रसार धीमा हुआ है।
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि संपूर्ण लक्षित आबादी को कवर करने के लिए त्वरित कोविड-19 टीकाकरण अभियान की आवश्यकता है। एक अनुमान के अनुसार ऐसी आबादी करीब 30 करोड़ है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, वायरस से अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर एक करोड़ चार हजार 599 हो गई है जबकि संक्रमण से उबर चुके मरीजों की कुल संख्या भी बढ़कर लगभग 95.50 लाख हो गई है।
अमेरिका स्थित जॉन हॉपकिंस विश्वविद्यालय (जेएचयू) के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके मरीजों की संख्या के मामले में भारत पहले पायदान पर है। दूसरे स्थान पर ब्राजील है।
जेएचयू के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका के बाद कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित देश भारत है। मृतक संख्या के मामले में अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत तीसरे स्थान पर है।
मंत्रालय के आंकड़ों से यह प्रदर्शित होता है कि 24 घंटे की अवधि के दौरान संक्रमण के 25,152 नए मामले सामने आए।
चौबीस घंटे के दौरान 347 रोगियों की मौत के बाद मृतकों की कुल संख्या 1,45,136 हो गई है।
कोविड-19 मृत्युदर में और गिरावट आने के बाद यह 1.45 प्रतिशत रह गई है।
आंकड़ों के अनुसार देश में उपचाराधीन रोगियों की संख्या फिलहाल 3,08,751 है, जो कुल संक्रमितों का 3.08 प्रतिशत है।
भारत में कोविड-19 का पहला मामला 323 दिन पहले 30 जनवरी को केरल में सामने आया था, जबकि 10 मार्च को कर्नाटक में संक्रमण से पहली मौत हुई थी।
मंत्रालय ने कहा कि सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख थी, जो 23 अगस्त को बढ़कर 30 लाख और पांच सितंबर को 40 से अधिक लाख हो गई।
आंकड़ों के अनुसार, 16 सितंबर को संक्रमितों की संख्या 50 लाख, 28 सितंबर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख और 20 नवंबर को 90 लाख से अधिक हो गई।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग की प्रमुख डॉक्टर समीरन पांडा से जब पूछा गया कि क्या भारत में इस महामारी का सबसे बुरा दौर गुजर चुका है तो उन्होंने कहा कि कुछ राज्यों में महामारी से संबंधित आंकड़ों में कमी देखी जा रही है और अन्य राज्यों में ये अस्थिर हैं।
पांडा ने 'पीटीआई-' से कहा, ''अधिकतर राज्यों ने प्रभावी ढंग से इस पर काबू पाया है जबकि कुछ को सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्यों के हालात एक-दूसरे से अलग हैं।''
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