मुंबई, 10 अप्रैल बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने एक निजी अस्पताल में दो नर्स के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद उसे अपनी सभी नर्सों को पृथक वास में रखने और किसी भी अन्य मरीज को भर्ती नहीं करने का शुक्रवार को निर्देश दिया।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दादर के सुश्रूषा अस्पताल में 27 और 42 साल की दो नर्स कोरोना वायरस की जांच में संक्रमित पाई गईं।
अधिकारी ने बताया कि इसके बाद बीएमसी ने एहतियात के तौर पर इस निजी अस्पताल को अपनी सभी 28 नर्सों को वहीं पृथक वास में रखने और उनकी जांच करने को कहा है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमने उन्हें सलाह दी है कि वे अपने खर्च पर सभी नर्सों का परीक्षण कराएं।’’
उन्होंने कहा कि अस्पताल को किसी भी अन्य मरीज की भर्ती नहीं करने का भी निर्देश दिया गया है।
अधिकारी ने कहा, “वहां इलाज करा रहे मरीजों को छुट्टी देने के लिए अस्पताल को 48 घंटे का समय दिया गया है।”
बीएमसी ने दादर इलाके में दो नर्स समेत कोविड-19 के छह मरीजों का पता लगाया है।
सुश्रूषा अस्पताल से इस संबंध में फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं प्राप्त हो पाई है।
बीएमसी पेड्डर रोड स्थित जसलोक अस्पताल और मुंबई सेंट्रल स्थित वॉकहार्ड्ट अस्पताल समेत कई निजी अस्पतालों को पहले ही सील कर चुकी है और इन परिसरों में कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद उनके कर्मचारियों को पृथक वास में रखने को कह चुकी है।
इस बीच, नगरपालिका के सूत्रों ने बताया कि बांद्रा स्थित केबी भाभा अस्पताल की कुछ नर्सों ने प्रशासन से शिकायत की है कि पृथक वास में रखे जाने के बावजूद कुछ डॉक्टर पिछले दो दिनों से अस्पताल के अंदर और बाहर बेफिक्र घूम रहे हैं।
इन डॉक्टरों को अस्पताल में एक महिला मरीज के कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद पृथक वास में रखा गया था।
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