खचाखच भरे निचले सदन में सांसदों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए चार्ल्स ने ब्रिटेन और जर्मनी के बीच घनिष्ठ संबंधों पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने हनोवर के राजघराने से अपने पारिवारिक संबंध और वर्तमान आर्थिक, वैज्ञानिक, सांस्कृतिक तथा दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग का जिक्र किया।
चार्ल्स ने कहा कि रूस के आक्रमण को रोकने के प्रयासों में लंदन और बर्लिन ने यूक्रेन को काफी सहायता प्रदान की है।
चार्ल्स ने जब अपना संबोधन समाप्त किया, तो सांसदों ने काफी समय तक खड़े होकर तालियां बजाईं, जो जर्मनी की संसद में शायद ही कभी देखा गया हो।
चार्ल्स (74) ब्रिटेन की राजगद्दी पर आसीन होने के बाद बुधवार को पहली विदेश यात्रा पर बर्लिन पहुंचे और उनके साथ रानी कैमिला भी हैं।
जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक वाल्टर स्टेनमीयर और लोगों की भीड़ ने राजधानी स्थित ऐतिहासिक ब्रांडेनबर्ग गेट पर उनका स्वागत किया।
इसके बाद चार्ल्स तृतीय के सम्मान में राष्ट्रपति महल में शाही भोज का आयोजन किया गया।
गौरतबल है कि यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद ब्रिटेन की सरकार यूरोप के साझेदारों के साथ संबंधों को नए सिरे से प्रगाढ़ बनाने की कोशिश कर रही है।
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