उत्तर कोरिया में किम ने शीर्ष प्रबंध निकाय में फेरबदल किया

किम ने 2011 में 30 वर्ष से भी उम्र में सत्ता हासिल करने के बाद परमाणु संपन्न देश में सत्ता के तमाम पहलुओं पर अपनी पकड़ मजबूत की है।

वह उत्तर कोरिया में निर्णय लेने वाले शीर्ष निकाय - स्टेट अफेयर्स कमिशन (एसएसी) के चेयरमेन हैं। सरकारी समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने खबर दी है कि देश की सुप्रीम पीपुल्स असेंबली संसद की बैठक में एसएसी के 13 अन्य सदस्यों में से पांच को हटाकर नये सदस्यों को शामिल किया गया है।

आधिकारिक समाचार-पत्र रोडोंग सिनमन में प्रकाशित तस्वीरों में सैकड़ों सांसद-विधायक एक-दूसरे के करीब और बिना मास्क पहने बैठे नजर आ रहे हैं।

कैबिनेट की एक रिपोर्ट में उत्तर कोरिया के उस रुख को दोहराया गया कि पूरी दुनिया में पैर फैला लेने वाले कोरोना वायरस वैश्विक महामारी का देश में “एक भी मामला” सामने नहीं आया है।

प्योंग्यांग ने प्रकोप को रोकने के मकसद से अपने हजारों लोगों और राजनयिकों समेत सैकड़ों विदेशियों को पृथक वास में रहने को कहा और सड़कों-इमारतों आदि को संक्रमणमुक्त बनाने के लिए तेजी से अभियान चलाया।

कैबिनेट की रिपोर्ट में कहा गया, “देश में कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए आपात महामारी रोधी अभियान जारी रहेगा।”

केसीएनए ने इस बैठक की अध्यक्षता किम द्वारा किए जाने के बारे में कोई जिक्र नहीं किया और न ही वह तस्वीरों में नजर आए।

एसएसी के नये सदस्यों में सेना के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी एवं इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्री के तौर पर नामित री सोन ग्वोन भी शामिल हैं जबकि उनके पूर्ववर्ती करियर राजनयिक री योंग हो को हटा दिया गया है।

अन्य पूर्व विदेश मंत्री री सू योंग को भी इसका हिस्सा बनाया गया है।

एएफपी

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