Sarabjit Singh's Killer Amir Sarfaraz Tamba Shot Dead: पाकिस्तान में भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हत्या के आरोपी एवं आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के करीबी सहयोगी आमिर सरफराज ताम्बा की रविवार को लाहौर में अज्ञात बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.सूत्रों ने बताया कि ताम्बा पर मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने पाकिस्तान में लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में हमला किया और उसे नाजुक हालत में एक अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.
कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल के अंदर, ताम्बा सहित अन्य कैदियों द्वारा किए गए बर्बर हमले के कुछ दिनों बाद सिंह (49) की दो मई 2013 की सुबह लाहौर के जिन्ना अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई थी। हमले के बाद, करीब एक हफ्ते तक सिंह अचेत रहे थे. ताम्बा का जन्म 1979 में लाहौर में हुआ था और वह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक का करीबी सहयोगी था. यह भी पढ़े: Dalbir Kaur Passes Away: पाकिस्तान की जेल में मारे गए सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर का 67 साल की उम्र में निधन
‘लाहौर का असली डॉन’ नाम से कुख्यात ताम्बा संपत्ति की खरीद-फरोख्त और मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त था. पाकिस्तानी कैदियों के एक समूह ने सिंह पर ईंट और लोहे की छड़ों से हमला किया था। सिंह को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कई बम विस्फोटों में संलिप्त रहने का कथित तौर पर दोषी पाया गया था और उन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी.
खबरों के अनुसार, ताम्बा के शरीर पर चार गोलियों के घाव हैं, जिनमें से दो-दो गोलियां छाती और पैरों में लगी हैं। एक बंदूकधारी ने हेलमेट पहन रखा था, दूसरे ने चेहरे पर नकाब डाल रखा था और दोनों उस पर गोली चलाने के बाद घटनास्थल से भाग गए. सूत्रों ने बताया कि ताम्बा अपनी आपराधिक गतिविधियों के लिए कारावास के दौरान जेल के अंदर मोबाइल फोन सहित सभी सुविधाएं प्राप्त कर रहा था
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