नयी दिल्ली, 23 फरवरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणियों को लेकर गिरफ्तार किये गये कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने अपने खिलाफ दर्ज कई प्राथमिकियों में राहत के लिए बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ तथा वाराणसी और असम में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
खेड़ा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एम. सिंघवी ने प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि महाराष्ट्र शिवसेना मामले में संविधान पीठ की सुनवाई के बाद आज अपराह्न मामले की सुनवाई की जाएगी।
कांग्रेस के राष्ट्रीय महाधिवेशन में भाग लेने के लिए रायपुर जा रहे पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को रायपुर जाने वाले विमान से नीचे उतार दिया गया और बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। मोदी के खिलाफ उनकी कथित टिप्पणी के सिलसिले में असम पुलिस के अनुरोध पर यह कार्रवाई की गई।
हालांकि खेड़ा अभी हवाई अड्डे पर हिरासत में हैं और उनके वकील ने गिरफ्तारी से संरक्षण का अनुरोध करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
कांग्रेस नेता का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मोहित माथुर ने दोपहर के भोजन के बाद के सत्र में मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया।
पीठ में न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद भी शामिल हैं। पीठ ने ने निर्देश दिया कि खेड़ा की याचिका को आज ही सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।
सिंघवी ने पहले उच्चतम न्यायालय की पीठ को बताया था कि प्रधानमंत्री के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर खेड़ा के खिलाफ कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।
उन्होंने कहा कि कथित बयानों के कारण, खेड़ा के खिलाफ विभिन्न राज्यों में कई प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं और वर्तमान में, असम पुलिस उन्हें हिरासत में लेने के लिए यहां हवाई अड्डे पर है।
इससे पहले, दिल्ली से रायपुर जाने वाली इंडिगो की उड़ान संख्या 6ई 204 से खेड़ा को उतारा गया तो कांग्रेस के कई नेता विरोध में नीचे उतर गए और धरने बैठ गए।
उड़ान में मौजूद कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेट ने ट्विटर पर कहा, ‘‘हम सभी इंडिगो 6ई 204 उड़ान से रायपुर जा रहे हैं और अचानक मेरे साथी पवन खेड़ा को विमान से नीचे उतरने के लिए कहा गया।’’
उन्होंने कहा, "यह किस तरह की मनमानी है? कोई कानून का शासन है या नहीं? यह किस आधार पर और किसके आदेश पर किया जा रहा है?"
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