
वायनाड (केरल), एक अगस्त केरल के भूस्खलन प्रभावित वायनाड में चिकित्सक, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी लगातार 24 घंटे कार्य कर रहे हैं। उन पर विनाशकारी घटना में गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज और शवों के पोस्टमार्टम का भारी बोझ है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा, ‘‘सुबह सात बजे तक कुल 256 पोस्टमॉर्टम किए गए हैं जिनमें शवों के हिस्से भी शामिल हैं। इस प्रकार ये पूरे 256 शव नहीं हैं बल्कि कुछ शवों के अंग भी इसमें शामिल हैं। हमने 154 शव जिला प्रशासन को सौंप दिए हैं।’’
उन्होंने बताया कि मलप्पुरम जिले के पोथुकल क्षेत्र से नदी में बहकर आए शवों के पोस्टमॉर्टम किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विचार से पिछली रात हमने 112 शव परीक्षण किए। मैंने वहां एक स्वास्थ्यकर्मी को देखा, वह रो रही थी। वह पिछले दिन घर नहीं गई थी और यहीं रह रही थी।
जॉर्ज ने कहा, ‘‘मैंने उससे पूछा कि ऐसा क्यों, तो उसने कहा कि वह इस विशेष क्षेत्र की प्रभारी है। उसने कहा, ‘‘मैं घर नहीं जा सकती, मुझे यहीं रहना है, क्योंकि मेरे लोग आ रहे हैं।’’
स्वास्थ्य विभाग ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र में एक अस्थाई अस्पताल स्थापित किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा निकटतम अस्पताल सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां पोस्टमॉर्टम और जांच की सुविधाएं हैं। हमने शव परीक्षण में सहायता के लिए अन्य जिलों से भी टीमें तैनात की हैं।’’
मंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भी स्वास्थ्य कर्मियों के साथ टीमें भेजकर योगदान दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने दवाइयां भी भेजी हैं। कुछ मरीज आईसीयू में और कुछ की हालत गंभीर हैं। हमने एक बच्चे को कोझिकोड के एक उच्च स्तरीय चिकित्सा केंद्र में भर्ती कराया है।’’
आपदा के बाद संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका को देखते हुए मंत्री ने कहा कि इनकी रोकथाम के लिए उपाय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि नए स्थापित अस्थायी अस्पताल के अलावा जिले भर के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। हमारी टीमें बहुत अच्छी तरह से सहयोग कर रही हैं।
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