Kerala: मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष लोकसभा चुनाव में चर्चा का प्रमुख विषय होगा
Parliament (Photo :X)

कोच्चि, 14 मार्च : केरल में हाल के महीनों में मनुष्यों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष की बढ़ती घटनाएं आगामी लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान चर्चा का अहम विषय बनेंगी. इडुक्की और वायनाड जिलों में बीते तीन महीनों के दौरान वन्यजीवों, खासकर हाथियों, बाघ व जंगली सुअरों के हमलों में कम से कम नौ लोगों की मौत हुई है और कई अन्य जख्मी हुए हैं.

इसके अलावा हाथी और जंगली सुअर भटक कर खेतों में पहुंच जाते हैं और फसलों को तबाह कर देते हैं जिससे किसान परेशान होते हैं. यह मुद्दा आगामी लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार के दौरान चर्चा का प्रमुख विषय बनेगा. विभिन्न राजनीतिक दल इस मुद्दे को उठा रहे हैं. सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 में संशोधन पर जोर दे रहा है, जो समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है. यह भी पढ़ें : Kisan Mahapanchayat: दिल्ली में किसान महापंचायत, कौन से रास्ते बंद और कहां डायवर्जन; यहां पढ़ें ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी

उनका तर्क है कि मानव-पशु टकराव की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए अधिनियम में संशोधन जरूरी हैं. इडुक्की के पूर्व सांसद और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एलडीएफ के उम्मीदवार जॉइस जॉर्ज ने ‘पीटीआई-’ से कहा कि वन्यजीव और पारिस्थितिकी के स्थायी प्रबंधन में शिकार-शिकारी संतुलन बहुत महत्वपूर्ण है.