नयी दिल्ली, 18 जनवरी केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के कार्यान्वयन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश की सरकार ने तीन वन्यजीव अभयारण्य को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ कार्यक्रम के दायरे में लाने को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे पन्ना बाघ अभयारण्य की क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
‘प्रोजेक्ट टाइगर’ कार्यक्रम के दायरे में लाने को लेकर जिन तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, उनमें मध्य प्रदेश स्थित नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और रानी दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य तथा उत्तर प्रदेश स्थित रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं।
जल शक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना (केबीएलपी) की संचालन समिति की बुधवार को हुई तीसरी बैठक में इसकी जानकारी दी गई । जल शक्ति मंत्रालय के सचिव पंकज कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के प्रतिनिधियों, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों एवं नीति आयोग के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के कारण पन्ना बाघ अभयारण्य में वन्य जीवों पर पड़ने वाले प्रभावों से निपटने के लिये एक ‘‘विस्तृत कार्य योजना’’ तैयार की गई थी।
भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूडब्ल्यूआई) द्वारा विस्तृत अध्ययन के बाद तैयार ताजा रिपोर्ट में इस कार्ययोजना को लागू करने के लिये ‘विशेष उद्देश्यीय कंपनी’ गठित करने का सुझाव दिया गया था। इस विशेष उद्देश्यीय कंपनी को ‘‘ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप काउंसिल’’ (जीपीएलसी) का नाम दिया गया था।
रिपोर्ट में मध्य प्रदेश में नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य तथा उत्तर प्रदेश में रानीपुर वन्यजीव अभयारण्य के साथ संपर्क गलियारा स्थापित करने का सुझाव दिया गया था। इस कदम से इस क्षेत्र में मानव-पशु संघर्ष को कम करने तथा बाघ पर्यावास की क्षमता में वृद्धि होने की उम्मीद की गई थी।
वहीं, जल शक्ति मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, संचालन समिति की बुधवार को हुई बैठक में मुआवजे के तौर पर जमीन स्थानांतरित करने को लेकर जानकारी दी गई। इसके अनुसार मुआवजे के रूप में वृक्षारोपण के लिये पन्ना और छतरपुर जिले में 5480 हेक्टेयर गैर वन सरकारी भूमि को पन्ना बाघ अभयारण को हस्तांतरित करने का आदेश जारी किया गया है।
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि परियोजना के पर्यावरण प्रबंधन योजना एवं इससे जुड़े कार्यों के अनुपालन के लिये ‘‘ग्रेटर पन्ना लैंडस्केप काउंसिल’’ (जीपीएलसी) का भी गठन किया गया है।
केबीएलपी की संचालन समिति की बैठक में समयबद्ध एवं पारदर्शी ढंग से पुनर्वास एवं पुन:स्थापना योजना को लागू एवं निगरानी करने के लिये एक समिति गठित करने के प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया गया।
जल शक्ति मंत्रालय के सचिव ने बैठक के दौरान कहा कि केन बेतवा नदी जोड़ो परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में जल सुरक्षा और सामाजिक आर्थिक विकास के लिये महत्वपूर्ण है।
दीपक
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