नयी दिल्ली, 29 अगस्त मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया और कहा कि प्रस्ताव यह साबित करने के लिए था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का ‘ऑपरेशन कमल’ भले ही अन्य राज्यों में सफल रहा हो, लेकिन यहां विफल रहा क्योंकि आप के सभी विधायक “कट्टर ईमानदार” हैं।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) के एक भी विधायक को भाजपा तोड़ नहीं सकी। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि भाजपा अगले 15 दिनों में झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश करेगी।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मौजूदा केंद्र सरकार ‘‘सर्वाधिक भ्रष्ट’’ है क्योंकि वह आम आदमी पर कर लगाकर “विधायक खरीदती” है, जबकि अपने अरबपति दोस्तों का कर्ज माफ करती है।
बाद में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना द्वारा खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष रहते हुए 1400 करोड़ रुपये के पुराने नोटों को बदलने के लिए अपने कर्मचारियों पर दबाव डालने के आरोपों पर हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही को बाद में दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले भाजपा को एक भी ‘आप’ विधायक को खरीदने की चुनौती देते हुए केजरीवाल ने कहा, “विश्वास प्रस्ताव यह दिखाने के लिये है कि ‘ऑपरेशन कमल’ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में सफल हो सकता है, लेकिन दिल्ली में यह विफल रहा। विश्वास मत यह दिखाने के लिये भी है कि आप के सभी विधायक कट्टर ईमानदार हैं।”
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मणिपुर, बिहार, असम, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र में सरकार गिराईं और कुछ जगह पर उन्होंने 50 करोड़ रुपये भी दिए।
केजरीवाल ने कहा, “आप कहते हैं कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ हैं, लेकिन आप विधायक खरीदते हैं। यह सबसे भ्रष्ट (केंद्र) सरकार है। आपको गरीब लोगों की हाय लगेगी। वे (भाजपा) 15 दिन के भीतर झारखंड सरकार को गिराने की कोशिश करेंगे और फिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ेंगे।”
उन्होंने कहा कि अगली बार जब ईंधन के दाम बढ़ेंगे तो लोग समझ जाएंगे कि रकम कहां जा रही है।
दिल्ली में 70 सदस्यीय विधानसभा में आप के 62 विधायक हैं जबकि भाजपा के आठ विधायक हैं।
केजरीवाल ने मूल्य वृद्धि के लिये केंद्र को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि ऐसा केंद्र सरकार द्वारा थोपे गए उच्च करों के कारण है।
केजरीवाल ने आरोप लगाया, “यहां तक की दही, लस्सी, गेहूं और शहद पर भी कर लगाया गया है। यह कुछ ऐसा है जो पिछले 75 सालों में नहीं हुआ, ब्रिटिश शासन के दौरान भी नहीं। वे इस धन का इस्तेमाल अपने अरबपति मित्रों का कर्ज माफ करने के लिए कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि अगर केंद्र अपने अरबपति दोस्तों के माफ किए गए कर्ज को वसूलता है तो मूल्य वृद्धि की समस्या सुलझ सकती है ।
दिल्ली के सरकारी स्कूलों में कक्षाओं और शौचालयों के निर्माण पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि भाजपा अब कह रही है कि आप सरकार ने ज्यादा शौचालय बनाए हैं।
उन्होंने कहा, “हां, हमने सरकारी विद्यालयों में हमारी बेटियों के लिये ज्यादा शौचालय बनवाए हैं। हमने क्या गलत किया है? उन्हें (सीबीआई) छापे में कुछ नहीं मिला फिर भी वे (उप मुख्यमंत्री मनीष) सिसोदिया को गिरफ्तार करेंगे। अब आबकारी मामला खत्म हो गया इसलिए कक्षाओं पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।”
दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग को शहर के सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण में आगे की जांच और कार्रवाई के लिए टिप्पणी मांगने के लिए 2020 में भेजी गई सीवीसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए भाजपा ने इससे पहले दिन में आरोप लगाया कि आप सरकार ने बिना निविदा जारी किए निर्माण लागत को 326 करोड़ रूपये बढ़ा दिया जो मूल निविदा की रकम से 53 प्रतिशत ज्यादा है।
पिछले हफ्ते, उपराज्यपाल सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव से उक्त रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में 2.5 साल से अधिक की देरी पर जवाब मांगा था। रिपोर्ट में परियोजनाओं के निष्पादन में घोर अनियमितताएं और प्रक्रियात्मक खामियां पाई गईं।
विश्वास मत पेश करने के लिये केजरीवाल सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि यह “सार्वजनिक धन और संसाधनों का दुरुपयोग” है।
उन्होंने कहा कि सदन के 70 विधायकों में से 62 विधायक आप के हैं और इसके बावजूद वे विश्वास प्रस्ताव लेकर आए और इसे सदन में पारित कराया।
तिवारी ने कहा, “आप दिल्ली के लोगों के बारे में क्या सोचते हैं। यह सार्वजनिक धन व संसाधनों का दुरुपयोग है। अगर आपको प्रस्ताव लाना है तो स्कूलों में कक्षाओं के निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार के बारे में लेकर आइए।”
विधानसभा की कार्यवाही मंगलवार सुबह 11 बजे फिर शुरू होगी।
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