देश की खबरें | कर्नाटक की जीत ने कांग्रेस को दिया ‘बूस्टर डोज’

नयी दिल्ली, 13 मई कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत न सिर्फ उसके सियासी रसूख को बढ़ाने वाली है, बल्कि 2024 के लोकसभा के चुनाव में उसकी उम्मीदों तथा विपक्षी एकजुटता की पूरी कवायद में उसकी हैसियत को ताकत देने वाली है।

माना जा रहा है कि उसकी इस जीत से इस साल के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की संभावना को बल मिल सकता है।

कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव को स्थानीय मुद्दों पर केंद्रित रखा। उसने बजरंग दल और पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध का वादा किया तो जनता के समक्ष पांच ‘गारंटी’ भी दी। उसने अपनी इस रणनीति से कर्नाटक में भाजपा की कल्याणकारी योजनाओं और हिंदुत्व की राजनीति की धार को कुंद कर दिया।

राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली गई ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने कर्नाटक में उसकी जमीन को मजबूती दी। यह यात्रा प्रदेश के जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरी थी उनमें से 15 में कांग्रेस को इस बार जीत मिली है।

जीत के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कर्नाटक में ‘नफरत का बाजार’ बंद हो गया और मोहब्बत की दुकानें खुल गईं’।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश का कहना है कि कांग्रेस की यह जीत उसके लिए ‘बूस्टर डोज’ है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह कांग्रेस के लिए निर्णायक जीत है। पंरतु अभी कई विधानसभा चुनाव हैं। इसका राज्यों के चुनाव पर असर होना है।’’

पार्टी नेताओं को यह उम्मीद है कि पिछले कुछ वर्षों से महत्वपूर्ण राज्यों में कांग्रेस की हार का सिलसिला थमने के बाद 2024 के लिए पार्टी की उम्मीदों को ताकत मिली है।

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