Karnataka Police Exam Scam: राज्य के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने विपक्ष पर जांच को गुमराह करने का आरोप लगाया

कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच को विपक्ष दलों के नेता अपने बयानों से गुमराह करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि इसमें उनकी संलिप्तता सामने आ रही है.

प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

Karnataka Police Exam Scam: कर्नाटक के गृह मंत्री अरगा ज्ञानेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस उपनिरीक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच को विपक्ष दलों के नेता अपने बयानों से गुमराह करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं क्योंकि इसमें उनकी संलिप्तता सामने आ रही है. अरगा ज्ञानेंद्र ने कांग्रेस नेता सिद्दारमैया के आरोपों पर एक सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही. सिद्दारमैया ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि पुलिस भर्ती घोटाला लगभग 300 करोड़ रुपये का है.

ज्ञानेंद्र ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया को बोलने की पूरी आजादी मिली हुई है. वह 200 करोड़ रुपये, 300 करोड़ रुपये या 3,000 करोड़ रुपये भी कह सकते हैं, लेकिन जब हम उनसे सबूत मांगते हैं तो वह भाग जाते हैं.  पुलिस की आपराधिक जांच शाखा (सीआईडी) द्वारा नोटिस दिए जाने के बावजूद कांग्रेस के विधायक प्रियांक खड़गे सीआईडी के सामने पेश नहीं होते हैं.  यह भी पढ़े: TET Exam Scam: महाराष्ट्र टीईटी परीक्षा में धांधली के आरोप में IAS अधिकारी गिरफ्तार, पैसे लेकर हजारों उम्मीदवारों के मार्क्स बदलने का आरोप

ज्ञानेंद्र ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता केवल जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं.

राज्य के गृह मंत्री ने कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों में उन्हें पता है कि जांच की दिशा को गुमराह करना है.  यह कुछ और नहीं बल्कि कुछ कांग्रेसी नेता हैं जो फंसे हुए हैं। उनकी संलिप्तता सामने आ रही है, जिसके कारण वे इस तरह के बयान दे रहे हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्दारमैया ने कहा था कि आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) घोटाले में पुलिस अधिकारियों, मंत्रियों और शीर्ष राजनेताओं की कथित संलिप्तता को देखते हुए मामले की जांच करने में सक्षम नहीं है, इसलिए पुलिस भर्ती घोटाले की न्यायिक जांच की जानी चाहिए.

कर्नाटक सरकार द्वारा प्रदेश में 545 पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती के लिए पिछले वर्ष अक्टूबर में आयोजित की गई परीक्षा को रद्द करने और इसे दोबारा आयोजित करने के फैसले की घोषणा पहले ही कर दी गयी है। इस नौकरी के लिए 54 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया था.

जांच के दौरान सामने आया है कि उम्मीदवारों से 75 लाख से 80 लाख रुपये तक वसूले गए थे.

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