बेंगलुरु, 16 नवंबर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी वक्फ मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बेनकाब करेगी, क्योंकि वक्फ बोर्ड के पक्ष में राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव भाजपा के शासन के दौरान ही किए गए थे।
यद्यपि भाजपा वक्फ मुद्दे पर एक बड़े विरोध प्रदर्शन और एक महीने तक चलने वाले मार्च के जरिये कांग्रेस सरकार पर दबाव बनाने की पूरी तैयारी में है, (लेकिन) शिवकुमार ने दावा किया कि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान वक्फ बोर्ड के पक्ष में अधिकारों, किरायेदारी और फसलों के राजस्व रिकॉर्ड को बदलना शुरू कर दिया दिया गया था और कई संपत्तियां भी उस बोर्ड के नाम पर स्थानांतरित कर दी गई थीं।
उपमुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि इस मामले पर भाजपा का विरोध "मूर्खतापूर्ण" है, क्योंकि सरकार के पास उन्हें घेरने के लिए सभी संबंधित दस्तावेज मौजूद हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हम उनका पर्दाफाश करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि उन्हें इस तरह के पहलुओं के बारे में बाद में पता चला। इतना ही नहीं, यह मुद्दा सार्वजनिक डोमेन में नहीं आया, क्योंकि हर कोई हाल के चुनावों में व्यस्त था।
पच्चीस नवंबर से 25 दिसंबर तक भाजपा किसानों, व्यक्तियों और संस्थाओं को वक्फ द्वारा जारी किये गए नोटिस के खिलाफ विरोध मोड में रहेगी।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने राज्य में वक्फ विवाद शुरू होने के बाद, किसानों, व्यक्तियों और संस्थाओं को दिए गए सभी नोटिस वापस लेने की घोषणा की।
भाजपा के दो गुटों ने वक्फ मुद्दे पर कांग्रेस सरकार से अलग-अलग दो-दो हाथ करने का फैसला किया है। एक गुट का नेतृत्व भाजपा के प्रदेश प्रमुख बी वाई विजयेंद्र और दूसरे का विजयपुरा के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल करेंगे।
विजयेंद्र ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान बेलगावी में एक बड़े आंदोलन की योजना बनाई है, जबकि यतनाल गुट उत्तर कर्नाटक के बीदर से दक्षिण में चामराजनगर तक एक महीने का मार्च निकालेगा।
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