Kallakurichi Poisonous Liquor Case: कल्लाकुरिची जहरीली शराब कांड में CBI जांच के खिलाफ तमिलनाडु सरकार की याचिका खारिज

उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कल्लाकुरिची जहरीली शराब कांड की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई.

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नयी दिल्ली, 18 दिसंबर : उच्चतम न्यायालय ने तमिलनाडु सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें कल्लाकुरिची जहरीली शराब कांड की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई. इस घटना में जहरीली शराब पीने से 67 लोगों की मौत हो गई थी. न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने मंगलवार को कहा कि वह उच्च न्यायालय के आदेश में किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहती. पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए महाधिवक्ता की दलीलें सुनने और रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री को देखने के बाद हमें उच्च न्यायालय के तर्कसंगत फैसले में हस्तक्षेप करने का कोई उचित कारण नहीं नजर आता. इसलिए विशेष अनुमति याचिकाएं खारिज की जाती हैं.’’

उच्च न्यायालय ने अन्नाद्रमुक के विधिक प्रकोष्ठ के सचिव एवं पूर्व विधायक आई एस इन्बादुरई, ‘एडवोकेट्स फोरम फॉर सोशल जस्टिस’ के अध्यक्ष के. बालू तथा दो अन्य की याचिकाओं पर 20 नवंबर को आदेश सुनाया था. याचिकाकर्ताओं ने जहरीली शराब कांड की सीबीआई जांच का अनुरोध किया था. उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर, सीबीआई को मामलों के हस्तांतरण को लेकर उच्चतम न्यायालय की आधिकारिक घोषणाओं के विशेष संदर्भ में, इस न्यायालय का प्रथम दृष्टया विचार है कि यह कल्लाकुरिची शराब त्रासदी मामला दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में से एक है, जिसके लिए सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है.’’ यह भी पढ़ें : Buffalo And Bulbul Fight Ban: असम में भैंसे और बुलबुल पक्षी के फाइट पर प्रतिबंध! गुवाहाटी हाई कोर्ट ने लगाई रोक

उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु पुलिस को सीबी-सीआईडी (विल्लुपुरम) के पास से मामलों से जुड़ी पूरी केस डायरी दो सप्ताह में सीबीआई को सौंपने का निर्देश दिया था. उच्च न्यायालय ने सीबीआई (चेन्नई) को इस संबंध में दर्ज तीनों मामलों में जांच का निर्देश दिया. उच्च न्यायालय ने उसे यह निर्देश भी दिया था कि वह तीनों मामलों के सभी पहलुओं की जांच करे और जल्द से जल्द संबंधित अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट दाखिल करे.

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