देश की खबरें | उत्तर प्रदेश में भाजपा शासनकाल में भी जंगलराज जारी: मायावती

लखनऊ, 15 जुलाई बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बृहस्पतिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा शासनकाल में भी जंगलराज की अराजकता चल रही है और ये पिछले समाजवादी पार्टी (सपा) के शासनकाल से कुछ भी कम नहीं है। मायावती ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लाक प्रमुख चुनाव में भाजपा पर धनबल, बाहुबल व सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए इसे जनतंत्र को शर्मशार करने वाला करार दिया।

मायावती ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा, ‘‘ उत्तर प्रदेश में भाजपा शासनकाल में भी जिस प्रकार से हर प्रकार का अपराध बढ़ने से यहां पूरी तरह से जंगलराज की अराजकता चल रही है वह किसी से भी छिपा नहीं है तथा ये सब पिछले समाजवार्दी पार्टी (सपा) शासनकाल से कुछ भी कम नहीं है।’’

उन्होंने कहा ‘‘ इसी कारण पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर ब्लाक प्रमुखों के अप्रत्यक्ष चुनाव में सपा की तरह ही भाजपा ने भी धनबल, बाहुबल व सत्ता के घोर दुरुपयोग सहित अन्य अनेक हथकंडे अपनाकर अधिकतर सीटें जीतने का दावा किया है, जो जनता की बेचैनी बढ़ाने तथा एक बार फिर यहां लोकतंत्र की सही स्थापना के बजाय जनतंत्र को शर्मसार करने वाला है, यह अति-दुःखद, दुर्भाग्यपूर्ण, निन्दनीय व सभी के लिए अति-चिन्ताजनक भी है।’’

उन्होंने कहा कि सत्ता को जैसे-तैसे तथा किसी भी कीमत पर हथियाने की भूख और इसी दौरान ‘‘ सैयां भये कोतवाल अब भय काहे का’’ की कहावत को चरितार्थ करते हुए उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के दौरान धनबल, बाहुबल तथा पुलिस एवं सरकारी मशीनरी का घोर दुरुपयोग हुआ। साथ ही कहा कि पंचायत चुनाव में इसके साथ-साथ व्यापक धांधली, अपहरण, हत्या व महिलाओं के साथ अभद्रता आदि की घटनायें घटित हुई हैं जो लोकतांत्रिक सोच व व्यवस्थाओं को आघात पहुंचाती हैं, उन्हें शर्मसार करती हैं। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद सरकार द्वारा जीत का दावा व जश्न आहत जनता के ज़ख्म पर नमक छिड़कने जैसा नहीं है तो फिर यह और क्या है?

मायावती ने कहा कि वैसे तो उप्र में पिछले कई वर्षों के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब ही रही है व पंचायत चुनाव के दौरान भी दबंगई, अपहरण, अराजकता का माहौल आदि स्वाभाविक ही था। उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार की नीति व नीयत को भांपकर ही बसपा ने पहले जिला पंचायत अध्यक्ष और फिर व ब्लाक प्रमुखों के अप्रत्यक्ष चुनाव को नहीं लड़ने का ही फैसला उचित समझा, जो बाद के चुनावी घटनाक्रमों के मद्देनजर बिल्कुल सही फैसला साबित हुआ है।

मायावती ने कहा कि बसपा का मतलब है सबको न्याय व सबको सम्मान तथा अन्याय किसी के साथ नहीं। लोगों को यह सब स्मरण रखते हुए ही आगे की तैयारी करनी है। अब चुनाव के समय में लुभावने वादों, धार्मिक भावनाओं व शिलान्यास आदि के बहकावे में नहीं आना है। उन्होंने लोगों से अपने परिवार, समाज व प्रदेश के व्यापक हित में सही फैसला लेने की अपील की।

गौरतलब हैं कि उत्तर प्रदेश में अभी हाल ही जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुख के चुनाव हुए हैं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भारी सफलता मिली है।

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