नयी दिल्ली/पटना, नौ मई बिहार जाने वाले 1200 प्रवासी कामगारों के ट्रेन किराए को लेकर जनता दल यूनाइटेड (जद यू) और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच शनिवार को वाकयुद्ध छिड़ गया।
एक ओर जहां अरविंद केजरीवाल सरकार ने दावा किया कि वह प्रवासी कामगारों के किराया का खर्च उठा रही है, वहीं जदयू ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी इस मुद्दे पर अधूरा सच बोल रही है।
बिहार में सत्तारूढ़ जद (यू) ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी नीत सरकार ने किराया राशि के भुगतान की मांग की है।
जद (यू) ने आप पर लोकप्रियता हासिल करने के लिये सस्ती राजनीति करने का भी आरोप लगाया।
दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि आप सरकार ने प्रवासियों के ट्रेन किराए के मुद्दे पर बिहार सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
राय ने लिखा, ''ये सच है कि दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार को चिट्ठी लिखी थी। ये भी सच है कि कल दिल्ली सरकार ने 1,200 श्रमिकों का किराया रेलवे को देकर उन्हें मुजफ्फरपुर के लिए रवाना कर दिया। लेकिन ये भी सच है कि बिहार सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं आया।''
इससे पहले जद (यू) के प्रवक्ता राजीव रंजन ने शनिवार को कहा, ''पहले, उन्होंने (दिल्ली सरकार) किराए का भुगतान किया और बाद में उसके मंत्री गोपाल राय ने ट्विटर पर उसे पोस्ट कर दिया। इसके बाद दिल्ली सरकार ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर किराए की राशि का भुगतान करने की मांग की।''
प्रसाद ने 'पीटीआई-' से कहा, ''यह सबकुछ सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिये किया गया।''
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, लेटेस्टली स्टाफ ने इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया है)