रांची, 18 दिसंबर झारखंड के सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मणिपुर में अशांति और अदाणी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों सहित कई मुद्दों को लेकर बुधवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए यहां राजभवन तक मार्च किया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के नेतृत्व में यह जुलूस रांची स्थित कांग्रेस भवन से शुरू हुआ।
हाथों में तख्तियां और पोस्टर लेकर कार्यकर्ताओं ने केंद्र के खिलाफ नारे लगाए।
मार्च के समापन के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए कमलेश ने आरोप लगाया, "केंद्र सरकार मणिपुर में हिंसा और अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गए आरोपों पर चुप है। केंद्र सरकार संसद में इन मुद्दों पर चर्चा करने से भी बच रही है।"
कमलेश ने यह भी दावा किया, "मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति ध्वस्त हो गई है, महिलाओं पर अत्याचार बढ़ रहे हैं और आए दिन हत्याएं हो रही हैं।"
पिछले वर्ष मई से मणिपुर में मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने दावा किया, "पार्टी कुछ कॉर्पोरेट घरानों के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाती रही है, लेकिन केंद्र कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। केंद्र की गलत नीतियों ने भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है।"
कांग्रेस नेता और राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भाजपा पर संविधान के माध्यम से देश में परिकल्पित आर्थिक और सामाजिक समानता को "नष्ट" करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "कांग्रेस केंद्र की भाजपा सरकार के कथित गलत कामों को बर्दाश्त नहीं करेगी।"
झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि संविधान ने देश के प्रत्येक नागरिक को अधिकार दिए हैं और भाजपा "बाबा साहेब आंबेडकर का अपमान करने पर तुली हुई है।"
राज्य की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने दावा किया कि भाजपा शासन में संविधान खतरे में है।
उन्होंने कहा, "वे सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने और देश की एकता को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।"
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