नयी दिल्ली, 18 दिसंबर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को कहा कि सरकार विभिन्न देशों द्वारा जारी यात्रा परामर्शों को नरम बनाने में मदद के लिए विदेश मंत्रालय के साथ काम कर रही है।
इन यात्रा परामर्शों के कारण विदेशी पर्यटकों के लिए जम्मू कश्मीर की यात्रा करना ‘लगभग असंभव’ हो गया है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित 18वें वार्षिक पर्यटन शिखर सम्मेलन 2024 के एक संवाद सत्र में अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू कश्मीर 30 से 35 वर्षों से जिन परेशानियों से जूझ रहा है उसी के कारण ये अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का केंद्र नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसा केवल इसलिए है क्योंकि मौजूदा यात्रा परामर्शों के कारण पारंपरिक बाजारों से पर्यटकों के लिए कश्मीर आना ‘लगभग असंभव’ हो गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन यात्रा परामर्शों के कारण अगर वे कश्मीर में आते हैं तो उनका बीमा रद्द हो जाता है और यह उनके लिए वर्जित है। इस संबंध में हम भारत सरकार, विशेषकर विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि उनके दखल का उपयोग करते हुए कम से कम शुरुआत में इन परामर्शों में नरमी ला सकें।’’
अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग चाहते हैं कि अधिक खर्च क्षमता वाले पर्यटक इस क्षेत्र का दौरा करें।
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