18 BJP MLAs Suspended from Assembly: झारखंड में भाजपा के 18 विधायक विधानसभा से निलंबित, विपक्ष ने कहा-लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 विधायकों को बृहस्पतिवार को दो अगस्त अपराह्न दो बजे तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया और विधायकों के सदन से बाहर जाने से इनकार करने पर मार्शल की मदद ली गई.

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रांची, एक अगस्त : झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 विधायकों को बृहस्पतिवार को दो अगस्त अपराह्न दो बजे तक के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया और विधायकों के सदन से बाहर जाने से इनकार करने पर मार्शल की मदद ली गई. विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने एक दिन पहले मार्शल द्वारा विपक्षी विधायकों को बाहर निकाले जाने और उनके सवालों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा जवाब नहीं दिये जाने के विरोध में सदन में हंगामा करने के बाद भाजपा सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई की. भाजपा विधायकों के निलंबन के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें बृहस्पतिवार को 18 भाजपा विधायकों को निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि वे अभद्रता में शामिल थे और सदन की ‘‘मर्यादा का उल्लंघन’’ कर रहे थे. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने आरोप लगाया कि झारखंड में ‘तानाशाही’ चल रही है और उन्होंने दावा किया कि सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेतृत्व वाली सरकार के इशारे पर भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

मार्शल द्वारा सदन से बाहर निकाले जाने के बाद भाजपा के कई विधायकों ने बुधवार की रात विधानसभा परिसर में बिताई. वे रोजगार सहित प्रमुख मुद्दों पर उनके सवालों का जवाब देने से सोरेन के कथित इनकार का विरोध कर रहे थे. सदन की कार्यवाही बृहस्पतिवार पूर्वाह्न 11 बजे फिर शुरू हुई, जिसके तुरंत बाद भाजपा विधायक आसन के समीप आ गए और उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का इस्तीफा मांगते हुए नारे लगाए. विरोध के दौरान उन्हें आसन के समक्ष कुछ दस्तावेज फाड़ते हुए भी देखा गया, जिसके बाद सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच तीखी बहस हुई. सदन में हंगामा जारी रहने पर महतो ने भाजपा के 20 में से 18 विधायकों को शुक्रवार अपराह्न दो बजे तक निलंबित कर दिया. जब उन्होंने निलंबित होने के बाद भी सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया तो अध्यक्ष ने मार्शल बुलाकर विपक्षी सदस्यों को बाहर निकालवाया. अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा की आचार समिति मामले की जांच करेगी और एक सप्ताह के भीतर उन्हें एक रिपोर्ट सौंपेगी. यह भी पढ़ें : Rahul Gandhi Claims ED Raid: ‘बांहें फैलाकर इंतजार कर रहा हूं, आएंगे तो चाय बिस्कुट खिलाउंगा’, राहुल गांधी का दावा उनके खिलाफ हो सकती है ईडी की रेड

इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दोपहर साढ़े 12 बजे तक स्थगित कर दी. भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर पत्रकारों से कहा कि अध्यक्ष ने राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) नीत सरकार के इशारे पर लोकतंत्र की ‘‘हत्या’’ कर दी. बाउरी ने दावा किया कि बृहस्पतिवार की कार्रवाई दिखाती है कि राज्य सरकार एक तानाशाह बन गयी है. बाउरी ने कहा, ‘‘हम सरकार से लोगों से जुड़े मुद्दों पर प्रश्नों का जवाब देने का अनुरोध करते हैं. जो भी हुआ, वह विपक्षी विधायकों की आवाज को दबाने की कोशिश है.’’ जब सदन की कार्यवाही अपराह्न साढ़े 12 बजे फिर शुरू हुई तो बाउरी ने कहा, “आपने हमारे 18 विधायकों को बिना उनका पक्ष सुने ही निलंबित कर दिया. हमने इस सदन में अध्यक्ष पर जूते फेंकते हुए , कुर्सियां तोड़ते हुए और माइक्रोफोन उखाड़ते हुए देखा है लेकिन किसी को निलंबित नहीं किया गया. हमने कुर्सियां नहीं तोड़ी...हम यह भी जानना चाहते हैं कि सदन में हंगामा क्यों हुआ. हमें विरोध करने का अधिकार है.”

उन्होंने कहा, “हम सिर्फ यह जानना चाहते थे कि सरकार द्वारा किए गए वादे पूरे क्यों नहीं किए गए? असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा को गोपीनाथपुर जाने की अनुमति क्यों नहीं दी गई. हम समझते हैं, ये घटनाक्रम सरकार के दबाव में हुआ. हम कल यहां बैठे थे और जब आपने आदेश दिया, तो हम सदन से बाहर निकल गए, हम परिसर में गए लेकिन बिजली काट दी गई और हमें बाहर निकालने के लिए महिला मार्शल भेजे गये.”

बाउरी ने इसे लोकतंत्र में ‘काला दिवस’ करार देते हुए कहा, “भगत सिंह ने अपनी मांगों की ओर शासकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए ब्रिटिश संसद पर बम फेंका था. हमने ऐसा कोई काम नहीं किया. हमने महात्मा गांधी के अहिंसा के मार्ग का पालन किया लेकिन झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन को यह हजम नहीं हुआ.” इसके बाद बाउरी और नीलकंठ मुंडा ने सदन से बहिर्गमन कर दिया. उन्हें सदन से निलंबित नहीं किया गया.

भाजपा के सहयोगी दल आजसू के प्रमुख सुदेश महतो ने अध्यक्ष से 18 विधायकों को निलंबित करने के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया.

उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम उठाने से पहले इस मामले को कार्य मंत्रणा समिति के समक्ष रखा जा सकता था.

इस पर अध्यक्ष ने कहा, ‘‘बर्दाश्त करने की भी कोई सीमा होती है. हर किसी को असहमति जताने का अधिकार है लेकिन यहां असहमति को आक्रामकता में बदल दिया गया और उन्होंने सीमा लांघ दी.’’ इसके बाद सदन की कार्यवाही आधे घंटे से अधिक समय तक जारी रही और फिर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. विधानसभा के बाहर बाउरी ने कहा, ‘‘हम इस सरकार को सत्ता से बाहर कर देंगे. सरकार ने कल हमारी बिजली काट दी, हमें शौचालय जाने से रोक दिया. लोग सब कुछ देख रहे हैं और वे झामुमो को उचित जवाब देंगे.’’ राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.

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