रांची, 15 जनवरी वह भले ही 20 वर्ष पहले विदेश में जा बसे हों लेकिन भारत के पूर्व गोलकीपर जूड मेनेजेस भारतीय हॉकी की प्रगति पर नजर रखते हैं और इसकी बेंच स्ट्रेंथ से काफी प्रभावित हैं ।
मुंबई में जन्में जूड अब न्यूजीलैंड में रहते हैं और तोक्यो ओलंपिक में न्यूजीलैंड महिला हॉकी टीम के सहायक कोच थे ।
वह फिलहाल जापान की महिला टीम के मुख्य कोच हैं जो यहां पेरिस ओलंपिक क्वालीफायर खेल रही है ।
उन्होंने पीटीआई से बातचीत में कहा ,‘‘ विदेशी कोचों के मार्गदर्शन में भारतीय हॉकी ने काफी प्रगति की है । भारत में प्रतिभा की कमी नहीं है । प्रतिस्पर्धा काफी कड़ी है । अगर एक खिलाड़ी नहीं है तो उसकी जगह लेने के लिये 10 . 15 खिलाड़ी हैं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ यहां तक पहुंचने में हॉकी कार्यक्रम और विदेशी कोचों की भूमिका अहम रही है । भारत की खेलने की शैली भी बदली है । अब वे एक ढांचे के तहत खेल रहे हैं जिसका काफी फायदा मिला है ।’’
भारत के लिये 133 मैच खेल चुके जूड सिडनी ओलंपिक 2000 में भारतीय टीम का हिस्सा थे ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मौजूदा भारतीय हॉकी खिलाड़ियों की फिटनेस देखकर हैरानी होती है । वे दुनिया की सबसे फिट टीमों में से हैं और काफी तेज हॉकी खेलते हैं । पहले आस्ट्रेलिया सबसे तेज होता था लेकिन अब इसमें कोई शक नहीं कि फिटनेस के मामले में भारत उनके समकक्ष है ।’’
जापान के अधिकांश खिलाड़ी अंग्रेजी नहीं बोलते लेकिन जूड ने कहा कि हॉकी या किसी भी खेल में बाधक नहीं है ।
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