श्रीनगर, 22 नवंबर जम्मू कश्मीर के निर्वाचन आयुक्त के के शर्मा ने रविवार को कहा कि इस केंद्रशासित प्रदेश में पहले जिला विकास परिषद(डीडीसी) के चुनाव में सभी प्रत्याशियों को पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) ने सुरक्षा के बहाने उसके प्रत्याशियों के साथ किये जा रहे बर्ताव पर एतराज किया है।
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पीएजीडी ने शनिवार को लिखे दो पन्नों के पत्र में कहा था कि सुरक्षा को इस केंद्रशासित प्रदेश में लोकतंत्र में बाधा डालने के बहाने के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। पीएजीडी मुख्य धारा के सात दलों के गठबंधन है, जो पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे की बहाली की मांग कर रहा है।
पिछले साल केंद्र ने जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा निरस्त कर दिया था और उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था।
पीएजीडी का यह पत्र नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी समेत घाटी के बड़े दलों द्वारा चुनाव में समान मौका नहीं देने का आरोप लगाए जाने की पृष्ठभूमि में आया था।
इन दलों ने प्रशासन पर कई स्थानों पर उनके प्रत्याशियों को उनके निवास पर ही बंद कर देने और खतरे से बचाने के नाम पर उन्हें प्रचार करने रोकने का आरोप लगाया है।
राज्य चुनाव आुयक्त शर्मा ने कानून व्यवस्था एवं 28 नवंबर से 19 दिसंबर तक होने वाले चुनाव के वास्ते सुरक्षा प्रबंधन की समीक्षा के लिए रविवार को यहां एक बैठक की अध्यक्षता की।
शर्मा ने बैठक में कहा, ‘‘चाहे किसी दल के उम्मीदवार हों या निर्दलीय प्रत्याशी या स्टार प्रचारक, इन सभी के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में सहज तरीके से प्रचार सुनिश्चित करने के लिए उन्हें अन्य सुविधाएं देने के साथ ही पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी।’’
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के बाहर से 165 अतिरिक्त पुलिस बल कंपनियां बुलायी गयी हैं ताकि सभी उम्मीदवारों के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम हो।
इस बैठक में कश्मीर के संभागीय आयुक्त पांडुरंग के पोले और कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक विजय कुमार ने भी हिस्सा लिया।
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